युगानूगुंज की ओर से फेसबुक लाइव पर हुआ संगीत का सांस्कृतिक कार्यक्रम, झूम उठे दर्शक

बिहार के पटना शहर में आए दिन सांस्कृतिक एवं कलात्मक कार्यक्रम हो रहे हैं। जिनमें पटना की कई बड़ी बड़ी संस्थान बढ़ चढ़कर भाग ले रहे है, जिसके फलस्वरूप नवोदित कलाकारों और संगीतकारों को प्रेरणा और अपनी प्रस्तुति देने के लिए मंच प्राप्त हो रहा है।

१६ जून, रविवार की शाम को ऑनलाइन प्लेटफार्म फेसबुक लाइव के माध्यम से “युगानूगुंज” संस्था द्वारा फादर्स डे स्पेशल सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह संस्था हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू भाषाओं के विकास एवं इनकी संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य करती है।

कार्यक्रम की शुरुआत पटना के नवोदित संगीतकार गायक शायक देव मुखर्जी ने राग बसंत पर आधारित सरस्वती वंदना द्वारा किया तथा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तत्पश्चात पटना शहर की जानी मानी युवा कलाकारा गायिका सुश्री तनु गांगुली ने लता मंगेशकर जी की गीत “तु जहां जहां चलेगा” की प्रस्तुति दी जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो उठे। फादर्स डे स्पेशल को मानते हुए तनु गांगुली ने “पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों” गाकर श्रोताओं को भावुक कर दिया। कार्यक्रम के आगे के चरण में शांभवी प्रकाश ने “मेरे ढोलना सुन” गीत की प्रस्तुति देकर श्रोताओं से तालियां लूटी, साथ ही क्षितिज की गजल गायकी ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।

शाम का एक अनूठा आकर्षण तनु गांगुली तथा शायक देव मुखर्जी की प्रतिभा प्रदर्शनी थी, जहां उन्होंने लोकप्रिय हिंदी गाने गाए और उन्हें अपने बंगाली संस्करणों के साथ सहजता से मिश्रित किया। दर्शक इस सांस्कृतिक सम्मेलन से रोमांचित थे और अपार प्रतिभा की प्रशंसा करने से खुद को नहीं रोक सके और उन्होंने कहा कि बंगालियों को वास्तव में संगीत कौशल का वरदान प्राप्त है।

जैसे ही शाम ख़त्म हुई, सिटी हेड, सुश्री निशी सिंह ने युगानूगंज के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “युवा प्रतिभाओं को उजागर करने और उन्हें एक मंच प्रदान करने का युगानूगंज का प्रयास आज सफल साबित हुआ है, हमारे संस्थापक के अथक प्रयासों के लिए धन्यवाद।” सुश्री निवेदिता चक्रवर्ती।”

युगानूगंज की ऑनलाइन संगीत संध्या ने न केवल भावनात्मक और मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियों के साथ फादर्स डे मनाया, बल्कि युवा प्रतिभाओं के पोषण और भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता को भी मजबूत किया।

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Author: undekhilive

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