बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय परिसर में दो दिवसीय व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण का आगाज हुआ। विवि के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की ओर से इसका आयोजन किया जा रहा है। इसमें पहले दिन जिले की कमजोर वर्ग की महिलाओं को कृत्रिम आभूषण, सिंधोरा, बिंदी और मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया। इससे ये महिलाओं अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकेंगी। यह प्रशिक्षण जेएनसीयू की कुलपति प्रो. कल्पलता पाण्डेय के नेतृत्व में शुरू हुआ है। इससे महिलाओं का जीवन स्तर सुधारने में मदद मिलेगी।
मशरूम उत्पादन के प्रशिक्षक हरिशंकर वर्मा ने बताया कि लोगों के बीच मशरूम की मांग तेजी से बढ़ी है। इससे इसकी खेती फायदे का सौदा साबित हो रही है। इसका उत्पादन कर महिलाएं आर्थिक रूप से सबल होंगी। उन्होंने बताया कि इसकी खेती में कम भूमि, कम समय और न्यूनतम खर्च आ रहा है। इसके साथ ही अच्छा मुनाफा भी हो रहा है। जिस हिसाब से बाजार में मशरूम की मांग है, उस हिसाब से अभी इसका उत्पादन नहीं हो रहा है। इसलिए इसकी खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़ रही है। कृषि विभाग की ओर से इसके लिए कई तरह की योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।
बिन्दी निर्माण के बारे में प्रशिक्षक प्रवीण ने बताया कि इसे एक छोटे से कमरे में शुरू किया जा सकता है और तुरंत आय भी शुरू हो जाएगी। आसपास की महिलाएं एक साथ इस काम को कर सकती हैं। इसका अच्छा बाजार भी है। फिलहाल जिले की सैकड़ों महिलाएं इस काम में लगी हैं। अब ये खुद कमाई करके अपने परिवार का सहारा बन रही हैं। बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रही हैं। पंचायत स्तर पर यह कुटीर उद्योग का रूप ले लिया है इसका तेजी से प्रसार हो रहा है। 19 नवंबर शनिवार को भी महिलाओं को कारोबार की बारीकियां बताई जाएंगी। इसमें सलेमपुर, करनई, अपायल, भीखपुर और जीराबस्ती की 50 से अधिक महिलाएं हिस्सा ले रही हैं। कार्यशाला में महिलाओं ने बिंदी बनाकर दिखाया। कार्यक्रम में निदेशक शैक्षणिक डॉ. पुष्पा मिश्रा व अन्य अध्यापकगण उपस्थित रहे।