कई अस्पतालों से रेफर होकर बेहोशी की हालत में पहुंची थी मरीज, भगवान बने महावीर वात्सल्य अस्पताल के डॉक्टर…30 यूनिट खून और ब्लड कंपोनेंट्स चढ़ाकर बचा ली जान

पटना। महावीर वात्सल्य अस्पताल के डॉक्टरों ने एक्टोपिक रप्चर से ग्रसित महिला को ऑपरेशन टेबल पर 30 यूनिट खून और ब्लड कंपोनेंट्स चढ़ाकर उसकी जान बचा ली। दिघवारा के आमी की 35 वर्षीय सरिता गुप्ता अचेत अवस्था में कई अस्पतालों से रेफर होकर 20 जून को महावीर वात्सल्य अस्पताल पहुंची थी। आपात स्थिति में अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे सीपीआर और जीवनरक्षक दवाइयां देकर वेंटीलेटर पर डाला। महिला की क्लीनिकल जांच और पूर्व की जांच रिपोर्ट देखकर यह पाया गया कि सरिता के गर्भाशय के बगल की नली में भ्रूण था। नली फटने से पेट में खून के थक्के और 3 से 4 लीटर खून जमा हो गया था। अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसका हीमोग्लोबिन स्तर घटकर 1.2 पहुंच गया था।

मरीज को तुरंत ऑपरेशन थियेटर में लाकर उसका ऑपरेशन शुरू हुआ। महावीर वात्सल्य अस्पताल की स्त्री एवं प्रसव रोग विभाग की हेड डॉ. अनामिका पांडेय के नेतृत्व में डॉ. स्वपना, डॉ. पुलक तोष, डॉ. गीता की टीम ने एक घंटे से अधिक चली सर्जरी के द्वारा रक्तस्राव की जगह को बंद किया। डॉ. अनामिका पांडेय ने बताया कि मरीज को ऑपरेशन के दौरान 30 यूनिट ब्लड और ब्लड कंपोनेंट्स चढ़ाए गये। इसमें 8 यूनिट पीआरबीसी, 10 यूनिट एफएफपी, 6 यूनिट क्रायो और 6 यूनिट प्लेटलेट्स शामिल हैं। महावीर वात्सल्य अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. एस कौशलेन्द्र ने बताया कि इमरजेंसी हालात में बगैर किसी ब्लड डोनेशन और अन्य जरूरी औपचारिकता के तुरंत ब्लड मुहैया कराया गया। महावीर वात्सल्य अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड के साथ ब्लड कंपोनेंट्स की सुविधा होने से मरीज की जान बचायी जा सकी। ऑपरेशन के बाद अगले दिन भी मरीज को ब्लड और ब्लड कंपोनेंट्स चढ़ाए गये।

मरीज सरिता को दूसरा जन्म जैसा अहसास
डॉ. अनामिका पांडेय ने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज को दो दिनों तक जीवनरक्षक उपकरण यानी वेंटीलेटर और जीवनरक्षक दवाओं के सहारे रखा गया। एक सप्ताह के सघन इलाज के बाद महिला अब ठीक है। गुरुवार को सरिता को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। हालचाल पूछने पर सरिता की आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे। उसने बताया कि उसे इस बात की बहुत खुशी है कि अब वह अपने बच्चों की देखभाल कर पाएगी। सरिता के पति अखिलेश्वर गुप्ता ने बताया कि उन लोगों ने उम्मीद छोड़ दिया था। महावीर वात्सल्य अस्पताल में उसकी पत्नी का नया जन्म हुआ है। कई अस्पतालों में इलाज के बाद वे आखिरी उम्मीद लेकर महावीर वात्सल्य अस्पताल आए थे। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बहुत गंभीर स्थिति में आयी महिला की जान बचाने और उसे स्वस्थ करने के लिए डॉक्टरों की टीम को बधाई दी है।

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Author: undekhilive

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