पटना। बिहार की जलों में ठूंस-ठूंसकर कैदियों को रखा जा रहा है। शराबबंदी के बाद जेलों में कैदियों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है। क्षमता से कहीं कैदियों को जेलों में रखा गया है। पुरुष तो पुरुष महिला कैदियों की संख्या भी क्षमता से बहुत है। क्षमता से 21000 अधिक कैदी जेलों में बंद हैं।
15 से 16 जेल ऐसे हैं जहां कैदियों की संख्या की क्षमता से दो या तीन गुना ज्यादा बंदी रखे गए हैं। गृह विभाग द्वारा जारी यह खुलासा हुआ है।
बिहार में कुल 59 जेल हैं। इनमें 47 हजार 750 कैदियों को रखने की क्षमता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जेलों में 68 हजार 609 कैदी हैं। इनमें 65 हजार 605 पुरुष और 3004 महिला कैदी शामिल हैं। राज्य के विभिन्न जेलों में महिला बंदियों को रखने की क्षमता 2014 है, जबकि 3004 महिलाएं जेलों में बंद हैं। इस साल अगस्त के आखिर तक जेलों में 71 हजार 380 कैदी थे।
14 जेलों में क्षमता से चार गुना अधिक कैदी
जानकारी के अनुसार राज्य के 14 जेलों में क्षमता से चार गुना अधिक कैदी हैं। केन्द्रीय आदर्श कारागार बेऊर, दानापुर, पटना सिटी और बाढ़ में कैदियों की संख्या अधिक है। मंडल कारा भभुआ, छपरा, दरभंगा, झंझारपुर, सीतामढ़ी, मधेपुरा, बेगूसराय, जमुई, औरंगाबाद और नवादा जेल क्षमता से दोगुने कैदी हैं।