सुशील कुमार मोदी के निधन से चैम्बर मर्माहत

14 मई 2024

सुशील कुमार मोदी के निधन से चैम्बर मर्माहत

राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं बिहार के लोकप्रिय नेता सुशील कुमार मोदी के असामयिक निधन पर दिवंगत आत्मा कि शांति के लिए आज संध्या बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रांगण में एक शोक सभा का आयोजन किया गया जिसमें ईश्वर से प्रार्थना की गयी कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं उनके शोक संतप्त परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने कि शक्ति प्रदान करें ।

चैम्बर अध्यक्ष सुभाष कुमार पटवारी ने अपनी श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि बिहार चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज को बराबर मोदी जी का मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त होता रहा। नई कर प्रणाली जीएसटी के कार्यान्वयन के समय माननीय वित्त वाणिज्य कर मंत्री के रूप में राज्य के उ‌द्यमियों एवं व्यवसाइयों को जो सहयोग चैम्बर को प्राप्त हुआ वह अदिव्तीय रहा । मोदी जी शायद पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने चारो सदनों लोकसभा, राज्यसभा, बिहार विधान सभा एवं बिहार विधान परिषद के माध्यम से बिहार और देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष पी० के० अग्रवाल ने बताया कि राज्य के व्यवसाई वैट के विसंगातियों से काफी परेशान थे परन्तु दिनांक 24 नवम्बर 2005 को राज्य में नई सरकार के गठन के तत्काल बाद दिनांक 20-12-2005 को राज्य सरकार कि ओर से चैम्बर प्रांगण में वैट व्यापार पंचायत का आयोजन किया गया जिसमें सुशील कुमार मोदी ने पुरे दिन बैठ कर जिलास्तर से आये विभिन्न व्यवसायिक संगठनों कि बातों को धैर्य पूर्वक सुना और वैट के विसंगातियों को दूर कराया जिसे व्यवसायी आज भी याद करते हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं उनके शोक संतप्त परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने कि शक्ति प्रदान करें।

शोक सभा में चैम्बर की ओर से महामंत्री पशुपति नाथ पाण्डेय, पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश कुमार जैन, एन० के० ठाकुर एवं गणेश कुमार खेतडीवाल, कार्यकारणी सदस्य आशीष प्रसाद, बिनोद कुमार, अजय गुप्ता, सुनील सराफ, सावल राम ड्रोलिया, राकेश कुमार, आशीष प्रसाद, जे० पी० तोदी, उत्पल सेन, एस० पी० सिन्हा, अरुण कुमार, अनिल कुमार माहेशवरी, अजय गोयनका, अशोक कुमार, संजय माखारिया, एकेपी सिन्हा, राज बाबू गुप्ता, बिष्णु अग्रवाल, सुनील जैन, आलोक पोद्दार, एम् पी बिदासरिया एवं सम्मानित सदस्य सम्मिलित हुए।

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Author: undekhilive

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