किचन के सैकड़ों सवाल का जवाब देती है रूबी कुमारी की पुस्तक आज खाने में क्या बनेगा? एक अनुत्तरित प्रश्न…हुआ विमोचन

पटना। कंकड़बाग कॉलोनी में लेखिका रूबी कुमारी की नवीनतम पुस्तक आज खाने में क्या बनेगा? एक अनुत्तरित प्रश्न का भव्य विमोचन भारत सरकार की खाद्य एवं पोषण विभाग की प्रशिक्षिक डॉ. गीता जैन ने किया। पुस्तक व्यंजनों की एक ऐसी विशेष शृंखला प्रस्तुत करती है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक और किफायती भी है।

लेखिका का अनुभव और प्रेरणा
इस अवसर पर लेखिका रूबी कुमारी ने अपनी पुस्तक के प्रति उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुस्तक मेरी रसोई में किए गए प्रयोगों और पोषण पर आधारित व्यंजनों का संग्रह है। मुझे उम्मीद है कि यह पाठकों को उनके दैनिक जीवन में उपयोगी और प्रेरणादायक लगेगी। उन्होंने बताया कि डॉ. गीता जैन उनके लिए एक मार्गदर्शक रही हैं। गीता जैन के विचारों ने उन्हें प्रेरित किया कि भोजन स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक दोनों होना चाहिए। रूबी कुमारी ने अपने पति अरुण कुमार सिन्हा को पुस्तक लेखन में सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इस पुस्तक को पूरा करने में उनका योगदान मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा।

प्रशंसा और उद्देश्य
पुस्तक का विमोचन करते हुए डॉ. गीता जैन ने कहा कि रूबी कुमारी की यह पुस्तक केवल व्यंजनों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह स्वस्थ और संतुलित भोजन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए भी उपयोगी है, जो स्वाद और पोषण के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं। कार्यक्रम में सुनैना कुमारी, जीता कुमारी, रोहन कुमार और रेहा जैसे कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उपस्थित सभी ने पुस्तक की सराहना करते हुए इसे हर घर के लिए उपयोगी बताया।

पुस्तक की विशेषताएं
स्वाद और पोषण का समावेश: पुस्तक में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को शामिल किया गया है, जो न केवल आसानी से बनाए जा सकते हैं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी हैं।
रसोई के प्रति नया दृष्टिकोण: यह पुस्तक घरेलू किचन को एक नई दिशा देने का प्रयास करती है, जिसमें भोजन स्वाद और पोषण का अद्भुत मेल हो।
प्रेरणा और विचारों का संगम: इसमें लेखिका के व्यक्तिगत अनुभव और विशेषज्ञों के सुझावों का समावेश है।

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Author: undekhilive

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