पटना। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेजप्रताप यादव ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश राजद अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों के अधिकार को छीनने का प्रयास कर रही है। उनके साथ सौतेलापन का व्यवहार किया जा रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद का स्वास्थ्य पहले से बेहतर है, इसलिए भाजपा में लगातार बेचैनी बढ़ रही है। 2024 में भाजपा की दाल गलने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता के लिए आयोजित बैठक सफल रही है। इसका संदेश देशभर में पहुंचा है। उन्होंने पर्यावरण की रक्षा में आदिवासी समुदाय के योगदान की सराहना की और सभी से पीपल-बरगद इत्यादि पौधों का संरक्षण और अधिक से अधिक पौधरोपण करने का आह्वान किया।
इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि प्रदेश राजद अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित आदिवासी सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा। हर संघर्ष, आन्दोलन में आदिवासी समाज के मान-सम्मान के लिए राष्ट्रीय जनता दल सहभागी बनेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सत्येंद्र शाह गोंड ने की। प्रकोष्ठ की ओर से अनुसूचित जनजाति की आरक्षण सीमा एक प्रतिशत से बढाकर पांच प्रतिशत करने, विधान परिषद में अनुसूचित जनजाति समुदाय का प्रतिनिधित्व देने, पटना में आदिवासी समुदाय भवन का निर्माण कराने और विश्व आदिवासी दिवस नौ अगस्त को अवकाश घोषित करने की मांग की गयी। सम्मेलन में रानी दुर्गावती की शहादत दिवस पर उनको नमन किया गया।
पूर्व विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम ने आदिवासी समुदाय को मिले मान-सम्मान के प्रति राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन आनंद लकड़ा ने की। सम्मेलन को संबोधित करने वालों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव जयप्रकाश नारायण यादव, कांति सिंह, श्याम रजक व भोला यादव प्रमुख थे। सम्मेलन में विधायक भूदेव चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव बिनू यादव, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, ई. अशोक यादव, बल्ली यादव,डॉ. उर्मिला ठाकुर, सारिका पासवान, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार साधु, संजय ठाकुर, प्रमोद कुमार राम, खुर्शीद आलम सिद्दिकी, गुलाम रब्बानी व उपेन्द्र चन्द्रवंशी सहित अन्यनेता भी मौजूद थे। सम्मेलन में पार्टी नेताओं का आदिवासी समाज की ओर से परम्परागत रूप से हाथ धुलाई और उनका पगड़ी बांधकर स्वागत किया गया।