पटना। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने बीजेपी और आरएसएस से पूछा कि क्या ईडी, सीबीआई और इलेक्शन कमीशन जैसी संस्थाएं आपके पार्टी दफ्तर हो गए हैं? क्या आरएसएस कार्यालय से यह सारी संस्थाएं तय करती हैं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। बीजेपी का मापदंड क्या है? जो बीजेपी के साथ नहीं रहता है, उसे कोई खतरा नहीं होता और बीजेपी में जाने के बाद नेताओं के ऊपर खतरे बढ़ जाते हैं। सभी को सुरक्षा गार्ड मिलने लगते हैं। पहले वाई सुरक्षा फिर वाई प्लस सुरक्षा फिर जेड सुरक्षा प्रदान की जाती है। क्या बीजेपी एक वॉशिंग मशीन है जो एक मिनट में गन्दगी को धो देती है। जन अधिकार पार्टी कार्यालय पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार पर ये आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ ममता बनर्जी थी तो झांसी की रानी और अलग होने के बाद भ्रष्टाचारी, महबूबा जी साथ थी तो क्रांतिकारी थी और अलग होने के बाद आतंकवादी हो गईं। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के साथ थे फासिस्ट और कांग्रेस से अलग होने के बाद बहुत अच्छे नेता हो गए, बालासाहेब जब साथ थे तो देशभक्त और जैसे ही बीजेपी से अलग हुए तो बालासाहेब की देशभक्ति खत्म हो गई। जब मायावती साथ थी तो कांशीराम और आंबेडकर दलित क्रांति के जनक थे और अलग होने के बाद उन्हें भ्रष्ट कह दिया गया। जब केजरीवाल अन्ना जी के साथ थे केजरीवाल ठीक थे और केजरीवाल के चुनाव जीतते ही वह सबसे बड़े चोर हो गये।
उन्होंने आगे कहा कि अकाली दल बीजेपी के साथ लंबे समय तक गठबंधन में साथ थे तो सब कुछ ठीक था और अलग होने के बाद सबसे बड़ा चोर हो गया। सबसे बड़ी बात 78000 करोड़ रुपये गबन का जिस पर आरोप हो वो प्रफुल पटेल जो विपक्षी एकता की बैठक में मौजूद थे तो मोदी जी ने चोर कहा कि सब चोर बैठे हैं और आज वह प्रफुल्ल पटेल और अजीत पवार से गले मिल रहे हैं। छगन भुजबल जी को 9 साल तक उन्होंने जेल में रखा और आज देवेंद्र फडणवीस के बगल में बैठे हैं। शरद पवार को चैलेंज कर बीजेपी ने अंतिम कील ठोकने का काम किया है। पीठ में खंजर भोंकने का काम बीजेपी द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी जिस ट्रेन का जिक्र करती थीं उसको भूलकर आज ललन सिंह राजद के साथ हैं, लालू यादव का बड़ा दिल है जो सब कुछ भूलकर आज नितीश कुमार की जीवनी पर लिखी किताब का विमोचन कर रहे हैं। उस लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के ऊपर चार्जशीट दाखिल कर दी गई।
क्या तेजस्वी यादव बीजेपी के साथ मिल जाएंगे तब चोर नहीं रहेंगे, तब ईडी और सीबीई तेजस्वी यादव को नहीं डाराएगी? क्या तेजस्वी यादव को कोर्ट का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा? अब तो प्रफुल पटेल और छगन भुजवल के घर ईडी और सीबीआई नहीं जाएगी। अब इन्हें जेड प्लस की सुरक्षा मिल जाएगी। भारतीय राजनीति में बिहार का खून हमेशा क्रांतिकारी बीज बोया है। इतिहास बचाने और बनाने में बिहार की जनता तय करती है और आज पुनः इतिहास को बचाने, संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए बिहारी तैयार हैं। बीजेपी सिर्फ पाकिस्तान, मुसलमान, पुलवामा, केरला स्टोरी, लव जिहाद, सावरकर जैसे मुद्दों के इर्द-गिर्द जनता का ध्यान भटकाने का काम करती रहती है और भारत में नफरत का बीज बोने का कार्य करते रहती है। नितीश और लालू जी का प्रयास सराहनीय है। लड़ाई आर-पार की होगी। बीजेपी के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का बयान कि पुलवामा में सैनिकों पर हमले करवाए गए और मोदी जी और अडानी के बीच रिश्तों को लेकर दिए बयान के ऊपर मोदी जी सत्यपाल मालिक के ऊपर करवाई क्यों नहीं करते हैं। बीजेपी बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी, किसान, पेट्रोल, करेंसी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी समस्यायों पर बात नहीं करती है। सिर्फ हिंदू-मुसलमान करने में लगी है, भारत की जनता सब देख रही है, इसका जवाब जनता आने वाले चुनाव में देगी।