भागवत कथा के पांचवें दिन पंडाल में बना गिरिराज पर्वत

पटना। बिहार पटना पटन देवी मंदिर के पास स्थित समाधि बाबा हरिब्रह्म साधन धाम परिवार द्वारा सात दिवसीय आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन मंगलवार को कथा पांडाल में गिरिराज पर्वत बनाया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा पूजा-अर्चना कर परीक्रमा लगाई गई। इसके पश्चात कथा का वाचन पूज्य चंदन कृष्ण शास्त्री द्वारा किया गया। कथा के दौरान पुतना वध की कथा भी सुनाई गई। वहीं भगवान गिरिराज जी को छप्पन भोग की प्रसाद का भोग भी लगाया गया। इस अवसर पर कथा वाचक पूज्य शास्त्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कई वर्षों से चली आ रही भगवान इंद्र देव की पूजा अर्चना को बंद कराकर ब्रजवासियों से गिरिराज की ही पूजा करानी शुरू कर दी। यह देख कर इंद्र को बहुत ही क्रोध में आ गया।

उन्होंने ब्रज में भारी वर्षा कर दी थी। जिससे ब्रज के लोग बारिश से परेशान हो गए और उनके पशु मकान आदि तेज बारिश में बहने लगे। परेशान होकर प्रजा भगवान श्रीकृष्ण के पास पहुंचती है। जहां पर भगवान श्रीकृष्ण प्रजा को इंद्र के इस क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लेते हैं और पूरे ब्रजवासियों को उनके नीचे बुला कर बारिश से राहत देते हैं। उन्होंने सभी लोगों से कहा कि आप ब्रज में जब भी जाए गोवर्धन की परिक्रमा अवश्य करे। जिससे आपके संकट दूर होंगे। पूज्य शास्त्री जी ने पूतना वध की कथा विस्तार से सुनाई। कथा के दौरान गिरिराज पर्वत की महिमा बताते हुए पूज्य शास्त्री ने कहा कि गिरिराज पर्वत भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थली है। यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में ब्रजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाया था। गोवर्धन पर्वत को भक्तजन गिरिराजजी भी कहते हैं।

उन्होंने कहा कि सदियों से यहां दूर दूर से भक्तजन गिरिराज जी की परिक्रमा करने आते रहे हैं। यह 7 कोस की परिक्रमा लगभग 21 किलोमीटर की है। उन्होंने कहा कि इस चमत्कारी पर्वत की परिक्रमा करने वालों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती है उसके जीवन में कभी पैसे की कमी नहीं रहती। कथा आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि श्रीमद भागवत कथा के पहले दिन से ही कथा पांडाल में कथा का लाभ लेने के लिए सैंकड़ो की संख्या में श्रोताजन आ रहे है। कथा का समय दोपहर 3 बजे से है जो शाम 7 बजे तक चल रही है। जिसके पश्चात भागवतजी की आरती उतारकर प्रसाद का वितरण किया जा रहा है।

उन्होंने समस्त धर्म प्रेमी जनता से कथा श्रवण कर लाभ लेने की अपील की है।कथा में अयोध्या एवम वृंदावन से आए कलाकार श्री राम संजीवन जी,तुलसीवल्लभ जी,संभव कुमार झा ,पिंटू जी एवम बनारस से आए वैदिक श्री घनश्याम तिवारी जी,श्री अमित त्रिपाठी जी,श्री अमरेश जी के द्वारा नित्य प्रातः 9 बजे से भूत भावन भगवान शिव का रुद्राभिषेक हो रहा है। कथा में श्री सोभित अरोड़ा,एवम उनकी धर्म पत्नी श्वेता अरोड़ा , श्री मनीष अग्रवाल जी के द्वारा पूज्य श्री शास्त्री जी एवम भागवत जी का पुष्प हार पहनाकर स्वागत किया ।।आज इसमें सुरेश अरोड़ा अनन्त अरोड़ा मनीष अग्रवाल राजकुमार तिवारी पवन जगनानी जी सभी सक्रिय थे

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Author: undekhilive

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