नालंदा मेडिकल कॉलेज का तुगलकी आदेश, सरस्वती पूजा के लिए पद के हिसाब से देना होगा चंदा

पटना। नालंदा मेडिकल कॉलेज में हर साल की तरह इस साल भी सरस्वती पूजा होगी। हर साल सहयोग राशि लेकर ही पूजा को अंजाम दिया जाता है लेकिन इस बार की पूजा के लिए प्राचार्य ने बाकायदा कार्यालय आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश चंदे की राशि को लेकर है।
प्राचार्य कार्यालय की ओर से पत्र में कहा गया है कि सरस्वती पूजा से संबंधित विषय पर विचार विमर्श के लिए दिनांक पांच जनवरी को दोपहर एक बजे सभी विभागाध्यक्षों की बैठक हुई। इसमें सरस्वती पूजा के लिए सहयोग राशि एनएमसी में कार्यरत कर्मचारियों के पद के हिसाब से तय की है।

पत्र के अनुसार प्राध्यापक, सह प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक को चंदे के रूप में 1000 रुपये देना है। इसके अलावा ट्यूटर, सीनियर रेजीडेंट, जूनियर रेजीडेंट और चिकित्सा पदाधिकारियों को सात सौ रुपये देना है। पत्र में यह भी बताया गया है इस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इसकी पत्र की प्रतिलिपि सभी विभागाध्यक्षों, छात्र-छात्राओं को भेजी गई है। इसके साथ ही इसे एनएमसी के नोटिस बोर्ड पर भी लगाया गया है। इस पर प्राचार्य के साथ ही सभी विभागाध्यक्षों का हस्ताक्षर भी है।

नाम नहीं छापने की शर्त पर नालंदा मेडिकल कॉलेज के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि यह प्राचार्य का तुगलकी फरमान है। पूजा श्रद्धा का विषय है। इसमें जिसकी रुचि होगी, वह योगदान करेगा। इसे किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए। बाकायदा इसके लिए कार्यालय आदेश निकालना ठीक नहीं है।

26 जनवरी को होगी सरस्वती पूजा
वर्ष 2023 में सरस्वती पूजा 26 जनवरी दिन गुरुवार को है। सरस्वती पूजा के दिन इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग समेत चार शुभ योग बन रहे हैं। सरस्वती पूजा वाले दिन गुरुवार देव गुरु बृहस्पति की पूजा और गणतंत्र दिवस का भी दिन है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी को सरस्वती पूजा होती है। इसे वसंत पंचमी या बसंत पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन सभी स्कूल-कॉलेजों में माता सरस्वती की पूजा  की  जाती  है।

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Author: undekhilive

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