राज्यपाल ने अस्पताल में कुल 27 करोड़ रुपये की लागत की अत्याधुनिक उपकरणों का किया लोकार्पण
महावीर कैंसर संस्थान में लगेगी रोबोट मशीन, आचार्य किशोर कुणाल ने की घोषणा
महावीर मन्दिर न्यास द्वारा संचालित महावीर कैंसर संस्थान में कुल लगभग 27 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक उपकरणों का लोकार्पण बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किया। शुक्रवार को अपराह्न महावीर कैंसर संस्थान में एम आर आई मशीन, सिटी स्कैन और लीनियर एक्सीलेटर मशीन का लोकार्पण राज्यपाल के कर कमलों से हुआ। 750 बेड के महावीर कैंसर संस्थान में सिटी स्कैन की एक और लीनियर एक्सीलेटर की दो मशीनें पूर्व से लगी हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नयी मशीनें लगायी गयी हैं। लोकार्पण के बाद अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि महावीर कैंसर संस्थान की नींव सेवा भाव से पड़ी है। पूरे मानवता के कल्याण के लिए महावीर कैंसर संस्थान समेत महावीर मन्दिर के अस्पताल काम कर रहे हैं। यह बिहार के लिए सौभाग्य का विषय है। राज्यपाल ने कहा कि महावीर कैंसर संस्थान के चिकित्सक और कर्मचारी सेवा-व्रती की तरह काम कर रहे हैं। महावीर कैंसर संस्थान की सेवा भावना से भाव विह्वल राज्यपाल ने अपने संबोधन के बाद महावीर कैंसर संस्थान के चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों से मुलाकात की। इसके पूर्व अपने संबोधन में महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने महावीर कैंसर संस्थान में रोबोट मशीन से इलाज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से रोबोटिक मशीन से ज्यादा सटीक इलाज की बात कही गयी है। आचार्य किशोर कुणाल ने लगभग 9 करोड़ की रोबोटिक मशीन के क्रय की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश अस्पताल प्रबंधन को दिया। उन्होंने कहा की 1998 में स्थापित महावीर कैंसर संस्थान में 80 से 90 फीसदी मरीज गरीब वर्ग से आते हैं। गरीब कैंसर मरीजों को जांच के लिए महावीर मन्दिर की ओर से 10 से 15 हजार रुपये की आर्थिक मदद की जाती है। 18 साल तक के कैंसर मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जाता है। अस्पताल में एक छत के नीचे सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। अपने संबोधन में आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि धर्म को परोपकार से जोड़ने की महावीर मन्दिर की पहल का सबसे बड़ा प्रतीक महावीर कैंसर संस्थान है। इस अवसर पर महावीर कैंसर संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ एल बी सिंह ने अस्पताल के 25 वर्षों के इतिहास को संक्षेप में बताया। उन्होंने कहा कि महावीर कैंसर संस्थान मुंबई के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल के बाद देश का दूसरा बड़ा कैंसर अस्पताल है। बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा के कर कमलों से 12 दिसंबर 1998 को महावीर कैंसर संस्थान का उद्घाटन हुआ था। यहाँ राष्ट्रपति के रूप में डाॅ ए पी जे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल आ चुके हैं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द तत्कालीन राज्यपाल के रूप में आंजनेय आहारिका का उद्घाटन करने आए थे। कुछ दिनों बाद ही वे भारत के राष्ट्रपति हो गये। डाॅ एल बी सिंह ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन में महावीर कैंसर संस्थान पहले पायदान पर है। अस्पताल की चिकित्सा निदेशक डाॅ मनीषा सिंह ने कहा कि महावीर कैंसर संस्थान में इलाज के क्रम में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाता। गरीब मरीजों के इलाज में महावीर मन्दिर की ओर से हरसंभव मदद मिलती है। महावीर कैंसर संस्थान में बोन ट्यूमर के मरीजों का पैर नहीं काटना पड़ता। ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को जरूरत पड़ने पर कृत्रिम ब्रेस्ट जेनरेट किया जाता है। इलेक्ट्राॅन थेरेपी, कोबाल्ट समेत सभी अत्याधुनिक चिकित्सा प्रणाली और उपकरण महावीर कैंसर संस्थान में उपलब्ध हैं। महावीर कैंसर संस्थान के निदेशक प्रशासन डाॅ विश्वजीत सान्याल ने राज्यपाल को अंगवस्त्र और राम दरबार भेंट किया। मंच संचालन डाॅ ॠचा चौहान ने किया। महावीर कैंसर संस्थान की एसोसिएट निदेशक डॉ विनीता त्रिवेदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर डाॅ एस एस झा, डाॅ सुबोध, डाॅ खण्डेलवाल, प्रो अशोक घोष, पूर्व जज अशोक कुमार सिंह, प्रो एल एन राम, गणपति त्रिवेदी समेत बड़ी संख्या में महावीर मन्दिर न्यास से जुड़ी संस्थाओं के पदाधिकारी और चिकित्सक मौजूद थे।