पटना। महावीर मंदिर न्यास समिति के पास महावीर मंदिर का प्रबंधन मिलने के पूर्व इसकी अधिकतम आय पूरे साल में 11 हजार दिखायी जाती थी। अब इस मंदिर की प्रतिदिन की आय 10 लाख रुपये हो गई है। इस आय में मंदिर के भेंटपात्रों से निकली चढ़ावे की राशि, कर्मकांड शुल्क, नैवेद्यम की बचत राशि, स्वैच्छिक चंदे से प्राप्त राशि, विक्रय केंद्रों की बचत राशि और बैंक ब्याज सम्मिलित हैं। विशेषज्ञ इसे असाधारण उपलब्धि बताते हैं। इसमें अस्पतालों एवं अन्य संस्थाओं की आय-व्यय राशि का समावेश नहीं है।
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने शुक्रवार को महावीर मंदिर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन से मंदिर की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल के बाद महावीर मंदिर में भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महावीर मंदिर की ओर से संचालित अस्पतालों में रियायती दरों पर समुचित इलाज, गरीबों की मदद, भर्ती मरीजों को निःशुल्क भोजन जैसे परोपकारी कार्यों से लोगों की आस्था मंदिर के प्रति लगातार बढ़ती जा रही है। महावीर मंदिर ने अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण में 10 करोड़ का सहयोग का संकल्प लिया है। उसमें से 6 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। दो-दो करोड़ की दो किश्त मंदिर निर्माण पूरा होने तक दिए जाएंगे। मनोकामना पूरन धर्म स्थान के रूप में महावीर मंदिर की ख्याति देशभर में फैल रही है। देश के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महावीर मंदिर को मनोकामना पूरन मंदिर के रूप में बता चुके हैं। लोगों की आस्था हनुमानजी के प्रति दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
मंदिर के पास सवा सौ एकड़ से अधिक जमीन
जब वर्तमान न्यास समिति ने 1987 में कार्य प्रारंभ किया था, तब महावीर मंदिर के नाम से मंदिर के अलावा कोई जमीन नहीं थी। इस मंदिर परिसर के विस्तार के साथ आज इस मंदिर के पास सवा सौ एकड़ से अधिक का भूखंड है। केसरिया के पास विराट रामायण मंदिर के लिए इसने सात लाख रुपये प्रति एकड़ से 12 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से सौ एकड़ जमीन खरीदी है, जबकि सरकारी रेट 80 लाख रुपये प्रति एकड़ है। राम जानकी पथ में पड़ने वाले भूखंड का मुआवजा चौगुने दाम पर मिलने वाला है।
पटना के बाहर भी पांच शहरों में मंदिर की स्थापना
वर्तमान न्यास समिति ने महावीर मंदिर, पटना के सर्वांगीण विकास के अलावा हाजीपुर के प्रसिद्ध पौराणिक गजेंद्र मोक्ष स्थल, कोनहरा घाट पर एक भव्य विशालनाथ मंदिर और वैशाली जिले के इस्माइलपुर में नवीन आकर्षक राम जानकी मंदिर का निर्माण किया है। महावीर मंदिर के प्रति अतिशय श्रद्धा भाव के कारण मुजफ्फरपुर के स्व. दिलीप साहु ने वहां का विशाल रामजानकी मंदिर, मनमोहन मंदिर और हनुमान मंदिर को वर्तमान महावीर मंदिर के नाम कर दिया। उन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया है। इसी तरह गया के शैलेश कुमार सिन्हा ने वहां कचहरी के पास स्थित माधवानन्द मंदिर महावीर मंदिर को सौंप दिया है।