माननीय श्री राम नाथ जी कोविन्द, पूर्व राष्ट्रपति ने किये भगवान ऋषभदेव के दर्शन एवं श्री ज्ञानमती माताजी से आशीर्वाद प्राप्त करके किया आध्यात्मिक चर्चा

भगवान श्री ऋषभदेव दिगम्बर जैन मंदिर, बड़ी मूर्ति में भगवान ऋषभदेव के दर्शन एवं पूजन करने के पश्चात् रत्नवृष्टि की एवं जैन संत प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के आचार्य पदारोहण शताब्दी वर्ष के अन्तर्गत रथ का प्रवर्तन शुभारंभ पवित्र भूमि अयोध्या से हरी झण्डी दिखाकर किया। पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के समक्ष माननीय श्री कोविन्द जी ने आध्यात्मिक चर्चा करते हुए कहा कि अयोध्या पावन एवं पवित्र भूमि है। यहाँ पर आने वाला हर व्यक्ति आत्मिक अनुभूति प्राप्त करता है। ज्ञान और ध्यान की यह पवित्र धरती आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। जहाँ पर भगवान ऋषभदेव सहित पाँच जैन तीर्थंकर भगवन्तों ने जन्म लिया एवं प्रभु राम जहाँ के कण-कण के समाए हैं। देश और दुनिया के कोने-कोने से यहाँ पर हर व्यक्ति राम भक्त के रूप में पहुँच रहा है। जहाँ जैन साध्वी ज्ञानमती माताजी का प्रवास चल रहा है। पूज्य माताजी ने चर्चा के अन्तर्गत अहिंसा एवं शाकाहार पर बल देते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में शाकाहार, सदाचार, व्यसन मुक्त, स्वयं एवं समाज के निर्माण में सहयोग देना चाहिए। समिति के मंत्री श्री विजय कुमार जी ने बताया कि माननीय श्री रामनाथ जी कोविन्द का सम्मान समिति के पीठाधीश एवं अध्यक्ष कर्मयोगी स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी ने प्रतीक चिन्ह देकर किया एवं प्रशस्ति पत्र श्री वैâलाशचंद जैन सर्राफ-लखनऊ, विजय कुमार जैन, डॉ. जीवन प्रकाश जैन, आदीश कुमार जैन ने प्रदान किया। पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने जैन ग्रंथ प्रदान किया एवं आर्यिका श्री चंदनामती माताजी ने श्रीमती सविता कोविन्द जी को एवं स्वाति कोविन्द को जप माला प्रदान की एवं समिति के द्वारा आये हुए अतिथियों का भाव-भीना सम्मान किया गया, जिसमें राष्ट्रपति भवन के पूर्व एवं वर्तमान उच्च स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे एवं माननीय रामनाथ जी कोविन्द जी के मित्र तथा सगे संंबंधियों के साथ में अयोध्या दर्शन एवं भ्रमण का कार्यक्रम सम्पन्न किया। इस यात्रा के मध्य पूर्व राष्ट्रपति जी की माताजी के चर्चा के मध्य माताजी ने कहा कि दिल्ली से अयोध्या एवं अन्य स्थानों से अयोध्या आने वाली ट्रेनों में मांसाहार बंद होना चाहिए क्योंकि तीर्थयात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए सात्विक भोजन के अलावा अन्य तामसिक एवं मांसाहारी भोजन नहीं देना चाहिए। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। इस अवसर पर समिति के पदाधिकारियों के साथ एक ग्रुफ चित्र भी कराया गया। ज्ञातव्य है कि पूर्व राष्ट्रपति दिनाँक १७ मई को अयोध्या पधारे थे तथा रात्रि विश्राम दिगम्बर जैन मंदिर बड़ी मूर्ति, रायगंज गेस्ट हाउस में किया। १८ मई को प्रात:काल सर्वप्रथम भगवान श्री राम मंदिर, कनक भवन एवं दशरथ महल आदि का भ्रमण करते हुए जैन मंदिर वापस पहुँचे। एवं मध्यान्ह में राजधानी दिल्ली के लिए वंदे भारत ट्रेन से प्रस्थान किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से श्री अमरचंद जैन, ऋषभ जैन-तहसील फतेहपुर, मनोज जैन, पंकज जैन, योगेश जैन, जितेन्द्र जैन, अनिल जैन, अतुल जैन, मुकुल जैन, आदीश जैन, शैंकी जैन आदि महानुभाव उपस्थित थे।

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Author: undekhilive

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