समस्तीपुर। समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रामबालक सिंह ने अपने से आधी उम्र की युवती से शादी रचाई है। यह शादी बीती रात बेगूसराय जिले के गढ़पुरा स्थित एक मंदिर में संपन्न हुई, जहां वह खगड़िया जिले की एक युवती के साथ विवाह के बंधन में बंधे। इसके बाद मंगलवार सुबह नयी नवेली पत्नी के साथ विभूतिपुर स्थित अपने घर लौटने पर उन्होंने रिश्तेदारों और शुभचिंतकों को मिठाई बांटकर शादी की खुशी का जश्न मनाया।
पूर्व विधायक की दूसरी शादी तब चर्चा का विषय बनी जब यह सामने आया कि उनकी पत्नी उनसे करीब आधी उम्र की हैं। जानकारी के अनुसार, रामबालक सिंह की पहली पत्नी का तीन साल पहले निधन हो गया था। उनकी पहली पत्नी विभूतिपुर की मुखिया भी रही थीं और इस तरह से उनका पारिवारिक जीवन भी राजनीति से जुड़ा हुआ था। अब, उनकी दूसरी शादी को लेकर स्थानीय स्तर पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोग रामबालक सिंह की दूसरी शादी को लेकर आलोचनाएं कर रहे हैं, तो वहीं कुछ का मानना है कि यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीति से जुड़ी किसी योजना का हिस्सा हो सकता है।
रामबालक सिंह की राजनीति की पृष्ठभूमि भी काफी विवादित रही है। वह हत्या के प्रयास और डबल मर्डर जैसे गंभीर मामलों में आरोपी रहे हैं और इन मामलों की सुनवाई अब भी चल रही है। इसके अतिरिक्त, जदयू (जनता दल यूनाइटेड) के पूर्व नेता ने किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था, लेकिन फिलहाल वह पार्टी में किसी भी पद पर नहीं हैं। ऐसे में उनकी दूसरी शादी और इसके पीछे के राजनीतिक उद्देश्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि रामबालक सिंह अपनी नई पत्नी को आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यह शादी एक रणनीतिक कदम हो सकता है, ताकि परिवार और चुनावी समीकरणों को बेहतर तरीके से साधा जा सके। विभूतिपुर जैसे क्षेत्रीय राजनीति के लिए यह एक अहम समय है, और ऐसे में यह कदम पार्टी के लिए भी एक नया मोड़ ला सकता है।
हालांकि, इस नए रिश्ते को लेकर लोग अपनी राय बना रहे हैं। कुछ इसे व्यक्तिगत जीवन का निर्णय मानते हुए इसका समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोगों को यह सवाल उठाने का मौका मिल रहा है कि क्या यह कदम केवल चुनावी राजनीति का हिस्सा है। वहीं, स्थानीय लोग भी इस बारे में तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं, जिससे यह मामला राजनीति, समाज और परिवार के बीच जटिलताओं का संगम बन चुका है।