पटना। बिहार प्रादेशिक अग्रवाल सम्मेलन एवं अग्रवाल चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में कला जागरण पटना के सहयोग से दादी मंदिर बैंक रोड में आयोजित समर कैंप में बच्चों को नैतिक शिक्षा, योग, क्राफ्ट, अभिनय और नृत्य की विविध विधाओं से परिचित कराया जा रहा है। कार्यक्रम में बुधवार को बिहार महिला अग्रवाल अध्यक्ष डॉ. गीता जैन ने बच्चों को नैतिक शिक्षा देते हुए कहा कि घर में रहने वाले दादा-दादी और माता-पिता भगवान के समान होते हैं। हमें प्रतिदिन सुबह उन्हें प्रणाम कर आशीर्वाद लेना चाहिए। गुड मॉर्निंग कहने की बजाय प्रणाम कहना भारतीय संस्कृति की आत्मा है।
डॉ. जैन ने बच्चों को बताया कि जिस प्रकार हम मंदिर में जाकर भगवान को प्रणाम करते हैं, उसी श्रद्धा और आदर से हमें अपने घर के बड़ों का सम्मान करना चाहिए। ऐसा करने से उनका आशीर्वाद जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत बनता है। कार्यक्रम की शुरुआत योग प्रशिक्षिका रीना कुमारी द्वारा कराई गई, जिन्होंने बच्चों को सूर्य नमस्कार और हाइट बढ़ाने वाले योगासन सिखाए। बच्चों के साथ उनकी माताओं ने भी बढ़-चढ़कर योगाभ्यास में भाग लिया। इसके बाद क्राफ्ट शिक्षिका निभा कुमारी ने बच्चों को क्ले मॉडलिंग सिखाई और रंग भरने की कला का अभ्यास कराया। बच्चों ने कल्पना शक्ति के सहारे सुंदर-सुंदर आकृतियां तैयार कीं।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध रंगकर्मी सुमन कुमार ने बच्चों को अभिनय की बारीकियां सिखाईं। उन्होंने बताया कि रंगमंच पर अभिनय के लिए संवाद की समझ, चेहरे के भाव और शरीर की भाषा को पात्र के अनुरूप ढालना आवश्यक होता है। उन्होंने बच्चों को व्यंग्य नाटिका ‘ठग ठगे गए’ का अभ्यास भी कराया, जिसमें रणविजय सिंह ने सहयोग किया। इस अवसर पर हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के थिएटर आर्ट्स डिपार्टमेंट से प्रशिक्षित नितेश कुमार ने बच्चों को राजस्थानी लोक नृत्य और बिहार गान का प्रशिक्षण दिया। वहीं प्रशिक्षिका रोज सिंह ने बच्चों को एरोबिक डांस और अन्य पाश्चात्य नृत्य शैलियों का अभ्यास कराया। शक्तिधाम के संस्थापक अमर अग्रवाल ने कहा कि समर कैंप में बच्चों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं ताकि वे शारीरिक, मानसिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बन सकें।
सम्मेलन के महामंत्री अक्षय अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने में बरौनी सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक रविंद्र प्रसाद, संजय भालोटिया, रोहन झुनझुनवाला, मुकेश हिसारिया, पंकज लोहारुका सहित कई गणमान्य लोग सहयोग कर रहे हैं। एमपी जैन ने बताया कि आयोजन की सफलता में अमर अग्रवाल, अक्षय अग्रवाल, निर्मल अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, तनुजा अग्रवाल, अनुपम जैन, सुबोध जैन, पुष्पा जैन, रानी सिंह, मृत्युंजय कुमार, रविशंकर उपाध्याय, अभिषेक जैन, सुनैना सिंह और कला जागरण के रोहित कुमार की सक्रिय भूमिका रही।
इन बातों पर ध्यान दें
नैतिक शिक्षा को व्यवहार में अपनाएं : घर के बड़ों को प्रणाम करना सिर्फ परंपरा नहीं, यह सम्मान और संस्कार की जड़ है।
योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं : बच्चों के विकास में शारीरिक लचीलापन और मानसिक शांति अत्यंत आवश्यक है।
कला और क्राफ्ट रचनात्मकता को बढ़ाते हैं : हर बच्चे की कल्पना शक्ति को मंच मिले तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है।
अभिनय और नाट्यकला व्यक्तित्व निखारती है : संवाद और अभिव्यक्ति का अभ्यास बच्चों को नेतृत्व के योग्य बनाता है।
लोक व पाश्चात्य नृत्य में संतुलन : परंपरा और आधुनिकता का संतुलन बच्चों के बहुआयामी विकास को दिशा देता है।
