“एकल की एक शाम देश के नाम” में अपने गीतों से जीता मनोज मुंतशिर ने पटनावासियों का दिल

वनबंधु परिषद पटना द्वारा देशभक्ति कार्यक्रम “एकल की एक शाम देश के नाम पटना के बापू सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल बिहार माननीय श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्य अतिथि अध्यक्ष बिहार विधान सभा माननीय श्री नंद किशोर यादव, विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री बिहार माननीय श्री विजय कुमार सिन्हा एवं नगर विकास तथा आवास मंत्री माननीय श्री नितिन नवीन एवं अन्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए माननीय राज्यपाल महोदय ने वनबंधु द्वारा संचालित किए जा रहे एकल विद्यालय की प्रशंसा की और कहा कि वनबंधु परिषद अपने एकल विद्यालय के माध्यम से आदिवासी एवं वंचित बच्चों को शिक्षा पहुंचाने का कार्य कर रहा है जो बहुत हीं अनुकरणीय एवं प्रसंशनीय है।
अतिथियों का स्वागत वनबंधु के अध्यक्ष विजय किशोरपुरिया, कार्याध्यक्ष रमेश गुप्ता, सचिव सुजीत सिंघानिया, संरक्षक राधेश्याम बंसल, कार्यक्रम संयोजक सुनील अग्रवाल एवं गोपाल मोदी ने गाय के गोबर से बने भारत के नक्शे वाले प्रतीक चिन्ह से किया। अतिथियों का स्वागत करते हुए अध्यक्ष ने लबताया कि स्वामी विवेकानंदजी की प्रेरणा से वनबंधु परिषद द्वारा एकल विद्यालय अभियान सारे भारत में 1986 में प्रारंभ किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य है सुदूर गाँव के आदिवासी एवं वंचित बच्चों का उत्थान करना। भारतवर्ष में वनबन्धु परिषद् द्वारा एक लाख से अधिक एकल विद्यालय संचालित किये जाते हैं. इन एकल विद्द्यालयों में विद्द्यार्थियों को पूरी तरह निःशुल्क शिक्षा दी जाती है एवं इन विद्यालयों को किसी तरह का सरकारी अनुदान प्राप्त नहीं होता है। अभी एकल विद्यालय बिहार के एक लाख से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध करा रही है। मौके पर एकल को आर्थिक सहयोग करने वाले कुछ गणमान्य को सम्मानित किया गया।
देशभक्ति के इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात फिल्मी गीतकार और वक्ता श्री मनोज मुंतशिर शुक्ला ने अपनी वाणी से पटना के बापू सभागार में हजारों की संख्या में उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ।मनोज मुंतसिर ने कहा कि दुनिया मे सैकड़ों देश हैं जिनका नाम हम इज्जत से लेते हैं लेकिन बात जब भारत की आती है तो हम अपना सीना चौड़ा कर अपने देश का नाम लेते हैं। मुंतसिर ने कहा कि पूरे विश्व मे भारत हैं एक मात्र देश है जहां लोग अपने देश को माँ कहते हैं। राष्ट्र धर्म से बड़ा कोई धर्म नही है।
इससे पूर्व सारेगामा की विजेता इंडियन आईडियल की उप विजेता इशिता विश्वकर्मा ने अपने गीतों से पूरे सभागार में हज़ारों की संख्या में उपस्थित दर्शको को मंत्र मुग्ध कर दिया। इशिता ने इशिता
ऐ मेरे वतन के लोगों, राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम, माटी को मा कहते हैं, देश रंगीला, मन जोगिया, सुनो गौर से दुनिया वालों,
चाहे जितना जोर लगा लो आदि अपने गाये गानों से सभी को अपना दीवाना बना दिया।
धन्यवादज्ञापन राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष रमेश माहेश्वरी ने दिया। माहेश्वरी ने बताया कि आदिवासी एवं वंचित बच्चों को शिक्षा पहुचने हेतु 32 विद्यालय से प्रारंभ किया। राज्यपाल महोदय ने एकल के सहयोग देने वाले कुछ गणमान्य को सम्मानित किया जिनमे विजय किशोर पुरिया, रमेश गुप्ता, राधेश्याम बंसल, सुजीत सिंघानियां, सजीव कनोडिया सहित अन्य थे। एम पी जैन ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ गीता जैन अक्षय सिंघानिया, विनय सिंह, अभय कनोडिया, रामलाल खेतान, अनिल गुप्ता, बिनोद बंसल, महेश जालान, विजय गुप्ता, महाबीर अग्रवाल, डॉ शशि मोहनका, सहित अन्य थे।

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Author: undekhilive

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