पटना। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य अपने ही गठबंधन सरकार पर हमलावर हो गए हैं। बिहार में महागठबंधन सरकार के अहम भागीदार माले के महासचिव ने कहा कि बिहार में महागठबंधन सरकार आम लोगों को लगातार निराश ही केर रही है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। शिक्षकों की बहाली पर अब कोई कदम नहीं उठाया जाना चिंताजनक है। इसके खिलाफ युवाओं में आक्रोश पनप रहा है। एनडीए सरकार की तरह पुलिस का दमन जारी है। बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए गरीबों के आवास को उजाड़ा जा रहा है। जगह-जगह गरीबों की झोपड़ियों पर बुलडोजर चल रहा है। सांप्रदायिक उन्माद की राजनीति जारी है। विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में जनता की नाराजगी दिखी। महागठबंधन सरकार जनता से किए वादों की दिशा में ठोस पहल करे।
आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान की मूलभावना से खिलड़वाड़
श्री भट्टाचार्य ने आर्थिक आधार पर आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखने के मामले में कहा कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। फैसले में मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित व न्यायमूर्ति रवीन्द्र भट अल्पमत में रहे, लेकिन उनकी टिप्पणी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने और भी बड़े संवैधानिक बेंच का गठन कर इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की। कहा कि अब जब आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत बढ़ गई है तो राज्य सरकारों को वंचित समुदाय के आरक्षण के दायरे को बढ़ाने के लिए विचार करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म के नाम पर भाजपा-आरएसएस की विभाजनकारी राजनीति हथकंडा के तहत बक्सर में सनातन समागम का आयोजन किया गया।
श्री भट्टाचार्य पार्टी की दो दिवसीय पोलित ब्यूरो की बैठक के बाद बुधवार को छज्जूबाग स्थित पार्टी विधायक दल कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे। बताया कि भाकपा-माले का 11 वां महाधिवेशन पटना में 15 से 20 फरवरी तक होगा। 15 फरवरी को गांधी मैदान में लोकतंत्र बचाओ- देश बचाओ रैली होगी।
