पटना। श्री सालासर बालाजी परिवार पटना की ओर से रविवार को महाराणा प्रताप भवन में सालासर बालाजी गुणगान महोत्सव का आयोजन किया गया। पटना में पांचवीं बार आयोजित संकीर्तन संध्या में भजनों पर भक्त झूमते रहे। सालासर धाम से आए मुख्य पुजारी रमेश शर्मा पुरोहित जी के सान्निध्य में सारा आयोजन हुआ। मुख्य यजमान राधेश्याम बंसल रहे।
शाम चार बजे से बालाजी गुणगान महोत्सव की पूजा धूमधाम से शुरू हुई। स्थानीय कलाकारों के भजनों की प्रस्तुति शाम पांच बजे से शुरू हुई। साढ़े छह बजे के बाद फतेहाबाद हरियाणा से आईं परविंदर पलक ने इतनी कृपा बालाजी बनाए रखना, मरते दम तक सेवा में लगाए रखना…भजन से आगाज किया और इसके बाद श्रद्धालु भक्तिरस में डूबते चले गए। नौ बजे तक एक के बाद एक भजनों की प्रस्तुति होती रही और भक्त झूमते रहे। साढ़े नौ बजे भगवान को भोग लगाया गया और इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।
दरबार की झांकी ने मोहा
सालासर हनुमानजी के दरबार की भव्य सजावट सुमित पोद्दार ने की। श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं हो, इसके लिए खास व्यवस्था की गई थी। भक्तगण दरबार की मनोहारी झांकी तथा भजनों का आनंद उठाते रहे। मौके पर राधेश्याम बंसल ने कहा कि पटना के अलावा बिहार के अन्य कई स्थानों से सैकड़ों सालासार बालाजी भक्तों ने बालाजी गुणगान महोत्सव में भाग लिया। इस सुमधुर बालाजी भजन संध्या को सफल बनाने में राधेश्याम बंसल एवं माया देवी बंसल, मुकेश हिसारिया, पंकज लुहारुका, दीपक सरावगी, ध्रुव मोरारका, राजेश शिकारिया, भल्ला थिरानी, लक्ष्मण टिकमानी, बसंत गोयल, जयप्रकाश अमिताभ, सुशील सुंदरका, दीपू अग्रवाल, प्रदीप गुप्ता, दिलीप केडिया, शशि गोयल, महाबीर बिदासरिया, संदीप बंसल, गोविंद अग्रवाल, अमित अग्रवाल आदि अनेक सदस्यों का योगदान रहा।
इन भजनों पर झूमते रहे लोग….
इतनी कृपा बालाजी बनाए रखना, मरते दम तक सेवा में लगाए रखना
लाज तुम्हारे हाथ है बचाए रखना, मरते दम तक सेवा में लगाए रखना…।
इक पूरी मांग हुई तो दूजी फरियाद लगाई,
तेरे ही भरोसे बाबा सपनों का महल सजाऊं,
तू देकर भूलने वाला मैं हर पल हाथ फैलाऊं,
तेरा कैसे कर्ज चुकाऊं, कितने एहसान गिनाऊं,
हो तू भूलने वाला, मैं हर पल हाथ फैलाऊं…।
मेरा कोई नहीं इक तेरे सिवा
हे प्रभु! आंसुओं की घटना रुकती थमती नहीं, हे प्रभु!
मेरा छोटा सा जहां, तुम हो बालाजी महान
हो राम नाम मतवाले, हो लंका जलाने वाले
संजीवनी लाने वाले
आ-जा आ-जा भगवान, संकटमोचन तेरा नाम…।
मेरा संकट कट गया जी
मेहंदीपुर के दरबार में,
संकट कट गया, संकट कट गया संकट कट गया जी
उस बाबा के दरबार में।
बोलो बालाजी महाराज की जय…।