दादी फागुन की आयो बहार बुला रहा है सांवरा अपने अपने द्वार

शक्तिधाम दादीजी मंदिर में दादीजी होली मिलन का भव्य आयोजन किया गया। शक्तिधाम मंदिर के मुख्य संस्थापक अमर अग्रवाल ने बताया की पांच दिवसीय श्याम फाल्गुन महोत्सव के पहले दिन दादीजी होली मिलन महोत्सव आयोजित किया जाता है।
आज दादीजी का श्रृंगार देशी एवं विदेशी फूलों से बड़े हीं मनमोहक ढंग से किया गया था। दादीजी का श्रृंगार अति मोहक एवं दर्शनीय लग रहा था। भक्तगण दादीजी का दर्शन कर भाव विभोर हो रहे थे। दादीजी मंदिर में सैकड़ों महिलायें भक्ति भाव से भजन कीर्तन कर रही थी। महिलायें ……” “उत्सव में उड़े गुलाल मईया म्हारो अंगनियां में आज ” ” मैयाजी थ्हारी बेटी हूँ मै रखियो मेरी लाज ” “दादी फागुन की आयो बहार, बुला रहा है सांवरा अपने अपने द्वार ” आदि भजन गा रही थीं। महिलायें इन गीतों पर खूब झूमी और अबीर गुलाल उड़ाए।
दादीजी होली मिलन समारोह में उत्साह , उमंग के बीच आस्था का रंग भी दिखा। रंग बिरंगे चकाचक परिधानों में सजी महिलाओं का उत्साह देखने लायक था।

होली मिलन के दौरान होली खेलने से पहले श्रद्धालु महिलायें दादी जी की चरणो में अबीर गुलाल अर्पित कर रहे थे। महिलायें गा रही थीं “झुंझुनू की सेठानी निहाल करसी- मांग ले दादी स मालामाल करसी” । आज दादीजी की होली में दादीजी की होली में शकुंतला अग्रवाल, रेखा मोदी, सरिता बंका, चंदा पोद्दार, प्रेम गोयल, सरोज बंका, शीला पोद्दार, अनुसुइया खेतान, रिमझिम सर्राफ आदि ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया । मौके पर दादीजी को विशेष छप्पन भोग लगाया गया।इसके बाद दादीजी की 51 बत्तियों के दीप से महाआरती की गयी। भक्तों के लिए विशेष प्रसाद मालपुआ, खीर, समोसा का वितरण किया गया।
मौके पर शक्तिधाम सेवा न्यास के मुख्य संस्थापक अमर अग्रवाल ने बताया की श्याम फाल्गुन महोत्सव भक्तों के जीवन में खुशहाली का परिचायक है।
अमर अग्रवाल ने बताया की पांच दिवसीय श्याम फाल्गुन महोत्सव के दूसरे दिन कल 19 मार्च मंगलवार को दिन में दस बजे से निशान शोभा यात्रा पुष्प विहार अपार्टमेंट , एक्जीविशन रोड से निकलकर होते हुए महाराजा अग्रसेन मार्ग शक्तिधाम मंदिर पहुंचेगी।
एम पी जैन ने बताया कि आज के समारोह को सफल बनाने में अमर अग्रवाल , ओम प्रकाश पोद्दार, पी के अग्रवाल, रमेश मोदी, संतोष अग्रवाल, अक्षय अग्रवाल , निर्मल अग्रवाल, सूर्य नारायण, रमेश अग्रवाल, रौशन सर्राफ सहित काफी संख्या में सदस्यगण लगे हुए थे।

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Author: undekhilive

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