पटना। बिहार में सड़क दुर्घटना में सबसे अधिक मौतें पैदल चलने वालों की हो रही है। सड़क हादसे में मरने वालों में एक तिहाई से अधिक संख्या पैदल चलने वालों की है। इसके बाद मोटरसाइकिल सवार हादसों में जान गंवा रहे हैं। परिवहन विभाग की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है।
वर्ष 2021 में कुल 9 हजार 553 सड़क दुर्घटनाएं बिहार में हुई थीं। इसमें 7660 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इनमें पैदल चलने वाले 3288 लोग शामिल थे। इस तरह कुल मौतों में 34 फीसदी से अधिक पैदल चलने वाले हादसे के शिकार हुए। इसके बाद मरने वालों में दोपहिया चालक हैं। 3123 दोपहिया वाहन हादसे के शिकार हुए। इनमें 2657 लोगों की मौत हुई। वहीं साइकिल सवार 495 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई, जो कुल मौतों का 7 फीसदी है।
वहीं 248 ट्रक हादसे हुए, जिसमें से 125 लोगों की मौत हुई। यह कुल मौतों का तीन फीसदी है। जबकि 135 बस दुर्घटनाएं हुई जिसमें 71 और 145 ई-रिक्शा आदि सड़क दुर्घटना के शिकार हुए, जिसमें 97 लोगों की मौत हो गई। अन्य प्रकार के वाहनों से 679 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें 509 लोगों की जान गई। कुल मौतों का यह सात फीसदी है।
टैक्सी, वैन या अन्य चारपहिया से चलने वाले हादसे के शिकार कम हो रहे हैं। ऐसे वाहनों से 752 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें से 504 लोगों की मौत हुई। 558 ऑटो रिक्शा दुर्घटनाग्रस्त हुए जिसमें 404 लोगों की मौत हुई।
सड़क हादसों में मौत के मामले में बिहार देश में सबसे आगे
अन्य राज्यों से तुलना करें तो सड़क हादसों में सबसे अधिक मौतें बिहार में हो रही हैं। केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में सबसे अधिक तामिलनाडु में सड़क हादसे हुए। 54 हजार 484 सड़क दुर्घटनाओं में 8059 लोगों की मौत हुई, जो 18 फीसदी रही। मध्यप्रदेश में 45 हजार 266 हादसों में 11 हजार 141 लोगों की मौत हुई जो 25 फीसदी है। उत्तरप्रदेश में 34 हजार 243 सड़क दुर्घटनाओं में 19 हजार 149 लोगों की मौत हुई जो 56 फीसदी है। कर्नाटक में 34 हजार 178 सड़क दुर्घटनाओं में 9760 लोगों की मौत हुई जो 29 फीसदी है। जबकि केरल में 27 हजार 877 सड़क हादसों में मात्र 2979 लोगों की मौत हुई जो मात्र 11 फीसदी है। इसके उलट बिहार में मात्र 8639 सड़क हादसे हुए जिसमें से 6699 लोगों की मौत हो गई। हादसों की तुलना में 78 फीसदी लोगों की मौत बिहार में हुई।