बच्चों को एमडीएम देने से आधे घंटे पहले चखेंगे प्रधानाध्यापक

भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की पहल

सम्यक न्यूज़, पटना .

बिहार के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों में अब प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक बच्चों के साथ पंक्ति में बैठकर भोजन करेंगे. इसके साथ ही डीइओ, डीएम या अन्य कोई पदाधिकारी इस दौरान विद्यालय में निरीक्षण के लिए पहुंचेंगे, तो उन्हें भी साथ में जमीन पर बैठकर भोजन के लिए आग्रह करेंगे. भोजन की गुणवत्ता व मानक के अनुसार मात्रा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम, डीइओ व डीपीओ पीएम पोषण योजना को पत्र भेजकर नयी व्यवस्था से अवगत कराया है. ऐसा करने के पीछे एक मात्र कारण भोजन की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है. विभाग का कहना है कि जब शिक्षक के साथ बच्चे खायेंगे तो गड़बड़ी की आशंका कम रहेगी.


मध्याह्न भोजन योजना बदले नाम पीएम पोषण योजना से इसी सत्र से शुरू की गयी है. इस संबंध में विभाग की ओर से लगातार दिशा-निर्देश दिया जा रहा है. बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पांच अप्रैल को पत्र जारी कर प्रधानाध्यापकों सहित अन्य को आधे घंटे पहले भोजन चखने का निर्देश दिया गया था. साथ ही भोजन की गुणवत्ता के बारे में रजिस्टर पर भी अंकित करना था. अब बदली व्यवस्था के तहत प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक को बच्चों के साथ बैठकर ही भोजन करना है. इसके साथ ही क्रमवार भोजन चखने वाले विद्यालय शिक्षा समिति अध्यक्ष, सचिव, सदस्य या अभिभावक भी बच्चों की पंक्ति में बैठकर ही भोजन करेंगे.

विद्यालय में आने वाले अधिकारियों से भी बच्चों के साथ बैठकर भोजन करने के लिए आग्रह किया जायेगा. अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि इससे भोजन की गुणवत्ता बनी रहेगी और बच्चों में अपनत्व की भावना जगेगी. स्कूलों में बच्चे इस आदेश से खुश हैं, वही बच्चों के परिजनों का भी कहना है कि इससे खाने की गुणवत्ता बेहतर होगी.

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Author: undekhilive

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