पटना। श्री मीठापुर दिगम्बर जैन मंदिर, कांग्रेस मैदान दिगम्बर जैन मंदिर और अन्य जैन मंदिरों में भगवान महावीर निर्वाणोत्स की धूमधाम रही। 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर के निर्वाण दिवस पर लड्डू चढ़ाकर भगवान का निर्वाणोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर दीप भी प्रज्ज्वलित किया गया। जैन धर्मावलंबी प्रातः 6 बजे से ही जैन मंदिर में सैकड़ों की संख्या में पहुचने लगे थे। मीठापुर में प्रथम लड्डू चढ़ाने का सौभाग्य ताराचन्द जी, जय कुमार जी छाबड़ा परिवार को प्राप्त हुआ। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने अपना-अपना लड्डू भगवान को अर्पित किया। इससे पूर्व मंदिरों में भगवान महावीर का अभिषेक, शांतिधारा और पूजा की गयी।
जैन समाज के एमपी जैन ने बताया कि जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का निर्वाण आज के ही दिन पावापुरी में हुआ था। इसी दिन जैन धर्मावलंबियों द्वारा भगवान महावीर को लड्डू चढ़ाया जाता है तथा दीप प्रज्ज्वलित किया जाता है। उन्होंने कहा कि लड्डू गोल होता है, जिसका अर्थ होता है जिसका न आरंभ है न अंत है। अखंड लड्डू की तरह ही हमारी आत्मा होती है, जिसका न आरंभ होता है और न ही अंत। लड्डू बनाते समय बूंदी को कढ़ाही में तपना पड़ता है और तपने के बाद उसे चाशनी में डाला जाता है। उसी प्रकार अखंड आत्मा को भी तपश्चरण की आग में तपना पड़ता है तभी मोक्ष रूपी चाशनी की मधुरता मिलती है।
जैन धर्म में लक्ष्मी का अर्थ होता है निर्वाण और सरस्वती का अर्थ होता है कैवल्य ज्ञान। इसलिए प्रातःकाल जैन मंदिरों में भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण उत्सव मनाते समय भगवान की पूजा में लड्डू चढ़ाए जाते हैं। भगवान महावीर को मोक्ष लक्ष्मी की प्राप्ति हुई और गौतम गणधर को कैवल्य ज्ञान सरस्वती की प्राप्ति हुई, इसलिए लक्ष्मी-सरस्वती का पूजन दीपावली के दिन किया जाता है। उन्होंने बताया कि भगवान महावीर का निर्वाण सुबह 5 बजकर 55 मिनट पर हुआ था। एमपी जैन ने बताया कि भगवान के निर्वाणोत्सव के दिन ही शाम को तीर्थंकर महावीर के प्रथम शिष्य श्री गौतम गणधर स्वामी को कैवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ था। तब गौतम स्वामी के ज्ञान कल्याणक की पूजा करके दीपोत्सव करते हैं।
जैन मंदिर में विजय जैन कासलीवाल, सुरेन्द्र जैन, प्रदीप जैन बड़जात्या, नरेन्द्र गंगवाल, सुनील बडजात्या, डॉ. हसमुख जैन, संजय जैन, सलिल जैन, ममता छाबडा, आचुकी जैन, बबिता गंगवाल, डॉ. गीता जैन, सरोज पाटनी, सपना जैन, सीमा जैन सहित सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु ने उपस्थित होकर निर्वाण लाडू चढ़ाया।