एजेंसी। आज बापू की पुण्यतिथि है। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। उनके व्यक्तित्व, योगदान के लिए महात्मा गांधी, बापू जैसे नामों से पुकारा जाता है। अहिंसा के बल पर उन्होंने अंग्रेजों को भारत से निकाला और आजादी दिलाई। अहिंसा परमो धर्म: का उनका संदेश पुरी दुनिया में ख्यात है। भारत को आजादी दिलाने के कुछ समय बाद ही महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई। 30 जनवरी 1948 को शाम की प्रार्थना के बाद बिड़ला हाउस में नाथूराम गोडसे ने गांधीजी को गोली मार दी थी। इतिहास में यह दिन काले अक्षरों से दर्ज है। आइए जानते हैं 30 जनवरी का इतिहास। पढ़िए महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अलावा क्यों खास है 30 जनवरी…।
भारत में 30 जनवरी का इतिहास
भारत में 30 जनवरी का दिन बेहद खास और ऐतिहासिक आधार पर महत्वपूर्ण है। इस दिन भारत ने कई महान शख्सियत का निधन हुआ है।
– देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को हत्या हुई
– 30 जनवरी 1530 को मेवाड़ के राणा संग्राम सिंह का निधन हुआ
– 1960 में प्रसिद्ध लेखक, कवि, भाषाविद और नाथूराम प्रेमी का निधन
– 1960 में ही भारत के एक अर्थशास्त्री जेसी कुमारप्पा का निधन
– 1968 को हिन्दी साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी का निधन
30 जनवरी विशेष दिवस
– महात्मा गांधी स्मृति दिवस
– शहीद दिवस
– राष्ट्रीय सर्वोदय दिवस
– अंतरराष्ट्रीय सर्वोदय दिवस
– नशा मुक्ति संकल्प और शपथ दिवस
– कुष्ठ निवारण दिवस
क्यों मनाया जाता है 30 जनवरी को शहीद दिवस?
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को देश शहीद दिवस के रूप में मनाता है। इस दिन दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी जी की समाधि स्थल पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पहुंचते हैं और स्वतंत्रता संग्राम में गांधी जी के योगदान की स्मृति में श्रद्धांजलि देते हैं। साथ ही देश के सशस्त्र बलों के शहीदों को भी इस दिन सलामी दी जाती है।
दो दिन क्यों मनाते हैं शहीद दिवस
भारत में दो दिन शहीद दिवस के तौर पर मनाते हैं। ये तिथियां हैं 23 मार्च और 30 जनवरी हैं। हालांकि दोनों ही दिनों को शहीद दिवस मनाने का एक बड़ा अंतर है। 30 जनवरी को बापू की हत्या की गई थी। वहीं 23 मार्च 1931 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी। इसलिए 23 मार्च को अमर शहीदों को नमन करते हुए अमर शहीद दिवस मनाया जाता है।