फारबिसगंज/जोगबनी (अररिया)। नेपाल विमान हादसे में असमय ही 72 लोग काल के गाल में समा गए। इस विमान की सह पायलट अंजू खतिवड़ा को पोखरा में लैंडिंग के बाद कैप्टन का प्रमाणपत्र मिलने वाला था। बिराटनगर निवासी अंजू की मौत से नेपाल में शोक की लहर है। अंजू के एक रिश्तेदार ने बताया कि उनकी मौत की खबर से बिराटनगर में गम का माहौल बना हुआ है।
अंजू के पायलट पति की भी वर्ष 2006 में विमान हादसे में मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद अंजू ने अमेरिका जाकर पायलट बनने की ट्रेनिंग ली थी। अंजू की 12वीं तक की पढ़ाई भारत में ही हुई थी। रिश्तेदार ने बताया कि पायलट कमल केसी विमान उड़ा रहे थे। को-पायलट के रूप में अंजू खतिवड़ा विमान पर सवार थीं। अंजू को 100 घंटे जहाज उड़ाने का अनुभव था। वह इससे पूर्व भद्रपुर, बिराटनगर, धनगढी सहित अन्य हवाई अड्डों पर सफल उड़ान को अंजाम दे चुकी थीं। इस उड़ान के बाद उन्हें कैप्टन का प्रमाणपत्र मिल जाता लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।