नेपाल विमान हादसे में यूपी के गाजीपुर के 4 युवकों समेत 72 की मौत…पढ़िए नेपाल में हुए विमान हादसों का इतिहास

एजेंसी। रविवार को नेपाल में हुए विमान हादसे में 72 लोगों की जान चली गई। इनमें पांच लोग भारत के थे, जिनमें से चार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के निवासी थे। सभी युवक एक साथ 12 जनवरी को वाराणसी से नेपाल की राजधानी काठमांडू के लिए रवाना हुए थे।

हादसे से पहले का एक वीडियो भी सामने आया है। गाजीपुर के सोनू जायसवाल हादसे के वक्त फेसबुक पर लाइव था। वीडियो में विमान में सभी यात्री खुश नजर आ रहे हैं। कुछ सेंकेड बाद विमान हवा में गोते खाने लगता है। अचानक आग की लपटें दिखाई देने लगती हैं और प्लेन क्रैश हो जाता है।

गाजीपुर जिले के चकजैनब गांव निवासी सोनू जायसवाल (28), चकदरिया चकजैनब निवासी अनिल राजभर (28), अलावलपुर निवासी विशाल शर्मा (23) और धरवां गांव निवासी अभिषेक सिंह कुशवाहा (23) दोस्त थे। 12 जनवरी को अनिल, विशाल और अभिषेक वाराणसी के सारनाथ पहुंचे, जहां से सोनू जायसवाल को साथ लेकर नेपाल के काठमांडू के लिए रवाना हुए। सभी मित्र नेपाल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल पोखरा जाने के लिए रविवार सुबह काठमांडू से विमान में सवार हुए। पोखरा एयरपोर्ट पर उतरते समय प्लेन क्रैश कर गया। शाम करीब पांच बजे चारों युवकों के मौत की सूचना मिली। पुलिस ने घटना की जानकारी परिजनों को दी। सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया।

विमान हादसों में 77 साल में 900 लोगों की हो चुकी है मौत
नेपाल में विमान हादसों का लंबा इतिहास है। नेपाल में 77 वर्षों में 53 से अधिक विमान हादसे हो चुके हैं। इन हादसों में करीब 900 यात्रियों की मौत हो चुकी है। नेपाल में पहली जहाज दुर्घटना सात मई 1946 को हुई थी। रॉयल फोर्स एयर के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी। 1955 में नेपाल में एक जहाज दुर्घटना में एक आदमी की मौत हुई थी। कलिंगा एयर के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो लोगों की मौत हुई थी। 1956 में काठमांडू में इंडियन एयरलाइंस के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 14 लोगों की जान चली गई थी। 1957 में नेपाल में इंडियन एयरलाइंस का एक विमान भी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। टिकरभैरव में इंडियन एयरलाइंस के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 20 लोगों की मौत हो गई थी। 1958 में, नेपाल में इंडियन एयरलाइंस का एक और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 20 लोग मरे थे।

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Author: undekhilive

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