भागवत कथा में महारासलीला व रुक्मिणी विवाह का वर्णन

भागवत कथा में महारासलीला व रुक्मिणी विवाह का वर्णन
पटना। साधन धाम मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक श्री चंदन कृष्ण शास्त्री जी ने उधव चरित्र, महारासलीला व रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया। अपने वचन को पूरा करने के लिए भगवान ने महारास का आयोजन किया। इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा गया। सभी गोपियां सज-धजकर नियत समय पर यमुना तट पर पहुंच गईं। कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियां अपनी सुध-बुध खोकर कृष्ण के पास पहुंच गईं। उन सभी गोपियों के मन में कृष्ण के नजदीक जाने, उनसे प्रेम करने का भाव तो जागा, लेकिन यह पूरी तरह वासना रहित था। इसके बाद भगवान ने रास आरंभ किया। माना जाता है कि वृंदावन स्थित निधिवन ही वह स्थान है, जहां श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। यहां भगवान ने एक अद्भुत लीला दिखाई थी, जितनी गोपियां उतने ही श्रीकृष्ण के प्रतिरूप प्रकट हो गए। सभी गोपियों को उनका कृष्ण मिल गया और दिव्य नृत्य व प्रेमानंद शुरू हुआ। रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुऐ कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी को द्वारका में लाकर उनका विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया। मौके पर आयोजक मंडली की ओर से आकर्षक वेश-भूषा में श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह की झांकी प्रस्तुत कर विवाह संस्कार की रस्मों को पूरा किया गया। कथा के साथ-साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया गया। इस सात दिवसीय भागवत कथा का सफल संचालन के लिए आयोजक मंडली व उनके सहयोगियों का सराहनीय योगदान रहा।आज साधन धाम में श्री भागवत उत्सव में रुक्मणी विवाह प्रसंग का उल्लेख हुआ। पटना साहिब के विधायक सह पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने हाजरी लगाई और भागवत कथा आनन्द उठाया। आज इसे सफल बनाने में अनन्त अरोड़ा सुरेश अरोड़ा,मनीष अग्रवाल,राजकुमार तिवारी,सरज कपूर सभी सक्रिय थे।

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Author: undekhilive

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