महावीर आरोग्य संस्थान में सिवियर डायरिया से पीड़ित बच्चे को मिला नया जीवन
महावीर मन्दिर न्यास के पहले अस्पताल महावीर आरोग्य संस्थान में डाॅक्टरों ने पांच साल के बच्चे को नया जीवन दिया है। बुधवार की शाम अस्पताल में छह साल के ऐसे बच्चे को भर्ती कराया गया जिसका ब्लड प्रेशर और पल्स दोनों नहीं बता रहे थे यानि एकदम निचले स्तर पर थे। बच्चा बेहोश था। सिवियर डायरिया से पीड़ित बच्चे को तुरंत एक्सटेंसिव ट्रीटमेंट की जरूरत थी। चाय बेचने वाले उसके पिता के पास इलाज के लिए पैसे भी नहीं थे। इन विपरीत परिस्थितियों के बीच महावीर आरोग्य संस्थान प्रबंधन ने बच्चे को जीरो पेमेंट पर यानि बगैर कोई शुल्क जमा कराए भर्ती किया। महावीर आरोग्य संस्थान के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ चंदन ने बताया कि बीते बुधवार 13 अगस्त की शाम वे अस्पताल से निकलते समय सीढ़ियों पर ही थे कि वह बच्चा बेहोशी की हालत में उनके पास लाया गया। तुरंत आईसीयू में भर्ती कर उसकी गहन चिकित्सा शुरू हुई। तब भी उसे होश में आने में लगभग आठ घंटे लगे। दो दिनों तक आईसीयू में गहन चिकित्सा से बच्चा रिकवर कर गया। छह साल के रोहित की हालत अत्यधिक उल्टी और दस्त से एकदम पस्त हो गयी थी। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ चंदन ने बताया कि छोटे बच्चे को उल्टी और दस्त लगातार हो तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए। क्योंकि बच्चे बहुत जल्द डिटोरिएट करते हैं। उनका शरीर बड़ों की तुलना में तेजी से पस्त हो जाता है। ऐसे में उन्हें तुरंत नजदीक के किसी अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। डाॅ चंदन ने बताया कि यदि रोहित के घरवाले उसे महावीर आरोग्य संस्थान लाने में 15 मिनट की भी देर करते तो उसका बचना नामुमकिन था। महावीर आरोग्य संस्थान के कार्यकारी निदेशक डाॅ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि रोहित का इलाज जीरो डिपोजिट पर शुरू किया गया। बाद में उसके पिता ने जो थोड़ी राशि भी अस्पताल में जमा की उसी से उसका पूरा इलाज किया गया। शेष राशि माफ कर दी गयी। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने गरीब परिवार के बच्चे के इलाज में मानवीय दृष्टिकोण और त्वरित इलाज के लिए अस्पताल प्रबंधन और डाॅक्टरों की टीम को बधाई दी है।
ब्लड प्रेशर और पल्स दोनों गायब थे, फिर भी चायवाले के बेटे की जान बचायी
- undekhilive
- August 17, 2024
- 7:31 pm