१९ जून २०२४, की सुबह को कलाकक्ष तथा सीता तीर्थ क्षेत्र न्यास, पटना में स्पीक मैके, शिक्षा मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारत के मशहूर और विख्यात बांसुरी वादक पंडित रूपक कुलकर्णी ने अपनी बांसुरी वादन से श्रोताओं का मन मोह लिया तथा तबला संगत में पंडित मिथिलेश झा ने अपने वादन से श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी।
राग अल्हैया बिलावल से कार्यक्रम की शुरुआत हुई तथा अनेक लायकारी सह जुगलबंदियां सुनने को मिली। श्रोता तालियां बजते थक नही रहे थे।
कार्यक्रम में संगीत जगत से युवा कलाकार तथा वरीय कलाकार भी मौजूद थे, इसके अतिरिक्त राजनीति, विज्ञान तथा शिक्षा जगत के लोग भी मौजूद रहे।
फाउंडेशन अकादेमी की प्राचार्य महोदया श्रीमती रमा चक्रवर्ती ने बताया की “मैं कला प्रेमी हूं, संगीत जगत में हूं मगर सुनना ज्यादा पसंद करती हूं, ऐसे कार्यक्रम और शास्त्रीय संगीत समाज के लिए वरदान है”। शास्त्रीय संगीत के जगत के युवा नवोदित शास्त्रीय गायक शायक देव मुखर्जी ने बताया की इस स्तर का कार्यक्रम समग्र युवा पीढ़ी को सुनना चाहिए समझना चाहिए, शास्त्रीय संगीत एक विचार है एक सोच है जिसमे असीम गहराई है।
कार्यक्रम के दौरान डा संजय पासवान (मंत्री एम एल सी), उपेंद्र यादव (एम एल सी), प्रोफ़ेसर बी चक्रवर्ती, प्रोफेसर नीरू झा, वरुण सिंह, डा रमा चक्रवर्ती, पुष्पेंद्र सिंह, राजेश सिंह, अजीत कुमार महतो, डा शिप्रा शिल्पी साथ ही कई स्कूल के बच्चे जैसे केंद्रीय विद्यालय, क्राइस्ट चर्च, डी ए वी, फाउंडेशन अकादेमी, आईएसएम कॉलेज, नृवगा म्यूजिक अकादेमी, मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम का संचालन डा पल्लवी बिस्वास एवं पंडित अभिनय काशीनाथ जी ने किया।