मंगल भवन अमंगलहारी , जीण नाम होता हितकारी श्री जीण माता सेवा समिति द्वारा श्री जीण माता मंगलपाठ एवं भजन संध्या का आयोजन दिन में दो बजे से बैंक रोड स्थित अग्रसेन भवन में किया गया। इस आयोजन में सैकड़ों की संख्या में राजस्थानी महिलाओं एवं पुरुषों ने भाग लिया
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मौके पर संजीव मुनका ने बताया कि जीण माता मंगलपाठ पटना में पहले भी कई बार हो चुका है। मौके पर समिति के श्रवण गोयनका एवं सुशील पंसारी ने बताया कि जीण माता देवी रुप में प्रकट नहीं हुई थी बल्कि मनुष्य से देवी रुप में परिवर्तित हुई थी। इनकी चमत्कारी शक्ति ऐसी है कि इन्हें शक्तिपीठ की तरह पूजनीय माना जाता है। जीण माता का प्रसिद्द मंदिर सीकर जिले में रेवासा से लगभग 10 कि.मी. दूर है ।
मौके पर जीण माता मंगलपाठ में 701 महिलाओं ने राजस्थानी वेश-भूषा पाठ किया , महिलायें गा रही थीं –
जीण जीण भज बारम्बारा , हर संकट का हो निश्तारा !
नाम जपे माँ खुश हो जावे, संकट हर लेती है सारा !!
विघ्न हरण मंगल करण – गौरी सुत गणराज
कण्ठ विराजो शारदा आन बचाओ लाज !!
मंगल भवन अमंगलहारी , जीण नाम होता हितकारी
आदि शक्ति माँ जीण भवानी – महिमा माँ की किसने जानी !
महिलाओं ने जीण माता का फूलों एवं गजरा से श्रृंगार किया तथा जीण माता को चुनरी ओढ़ाई । पूजा पर यजमान के रूप में राजेश गुप्ता एवं रीना अग्रवाल बैठे थे।
मंगलपाठ के साथ ही मौके पर चंडीगढ़ से पधारे प्रसिद्द जीण माता भजन गायक आशीष देशवाल एवं सोनीपत से पधारे पुनीत राठी ने अपने भजनों से सभी भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया । देशवाल एवं पुनीत ने एक से बढ़कर एक भजन सुनाये –
सबसे पहले हाथ जोड़कर मैया तुम्हें मनाता, मेरी जीण माता मेरी जीण माता
एक छोटी सी मांग है मेरी ओ मेरी मां
हे महाशक्ति हे महामाया हे जग जननी जगदंबे, मेरी जीण भवानी अंबे
अगर मिले जो जन्म दुबारा बेटा बनु तुम्हारा, यह दरबार है मंजिल मेरी तेरे चरण किनारा
जीण भवानी मां तेरी महिमा अपरंपार जीण भवानी मां तू है पूजा है संसार
“म्हारे घर में मैया थारो है आना जाना, म्हारे घर में अपनो घर बनाए रखियो”
भजन गायिकी रात्रि आठ बजे तक चलती रही ।
एम पी जैन ने बताया कि इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में अमर अग्रवाल, अक्षय अग्रवाल, सज्जन मोदी,श्रवण गोयनका, संगीता गोयनका, हर्षा मखरिया, विजय किशोरपुरिया, पंकज मुनका, विनोद सिकरिया, अंकित पालरिवाल, राजेश गुप्ता, राजेश चौधरी, सौरभ सिंघानिया,सुभाष चौधरी, राजेश मुनका, संजय मुनका सहित समिति के अन्य पदाधिकारी लगे हुए थे ।