एजेंसी। दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन भारत में है। भारतीय रेलवे ने दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन बनाया है। रेल मंत्रालय के अनुसार लाइफलाइन एक्सप्रेस (जीवनरेखा एक्सप्रेस) भारत की एकमात्र और दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन है। इसका मुख्य उद्देश्य दूरदराज और दुर्गम इलाकों में चिकित्सा सेवा देना है। इस हॉस्पिटल ट्रेन में 12 लाख से अधिक लोग इलाज करा चुके हैं। कोविड काल में भी भारतीय रेलवे ने दर्जनों हॉस्पिटल ट्रेन बनाकर मरीजों का इलाज किया था।
दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन बनाने का खिताब भारतीय रेलवे के पास है। भारतीय रेलवे ने गांव-देहात तक हॉस्पिटल की सुविधाएं पहुंचाने के लिए ये ट्रेन चलाई है। इस हॉस्पिटल ट्रेन का नाम लाइफलाइन एक्सप्रेस (lifeline Express) या जीवनरेखा एक्सप्रेस (Jeevan Rekha Express) है। मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से पहली बार लाइफलाइन एक्सप्रेस चली थी।
जानिए सुविधाओं के बारे में
भारतीय रेलवे ने जुलाई 1991 में 7 डिब्बों वाली लाइफ लाइन एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की थी। इसके सभी कोच वातानुकूलित हैं। इसमें दो ऑपरेशन थिएटर, पांच ऑपरेटिंग टेबल, मेडिकल स्टाफ रूम के साथ कई सुविधाएं भी हैं। ट्रेन में पॉवर जेनरेटर, मेडिकल वार्ड, पैंट्री कार डॉक्टरी सामग्री का स्टोर भी उपलब्ध है।
यह है उद्देश्य?
इसे चलाने का मुख्य उद्देश्य दूरदराज इलाकों में रहने वाले बच्चों, दिव्यागों को बेहतर मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराना है, क्योंकि ये लोग आसानी से हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में हॉस्पिटल ट्रेन के माध्यम से इन लोगों को समय पर बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाता है। भारतीय रेलवे और इंपैक्ट इंडिया फाउंडेशन ने मिलकर ये ट्रेन चलाई है। यह ट्रेन निर्धारित समय के अनुसार अलग-अलग स्टेशनों पर रुकती है और लोग अपना इलाज करवाते हैं। भारतीय रेल बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, हॉस्पिटल ट्रेन में पिछले 28 साल में 12 लाख से ज्यादा लोग अपना इलाज करवा चुके हैं।
इलाज में खर्च
यह एक तरह से ट्रेन में बना पहला मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल है। इस ट्रेन में मरीज के इलाज के लिए पूरी सुविधाएं हैं। लाइफलाइन एक्सप्रेस में मरीजों के लिए मुफ्त में इलाज की व्यवस्था है।
