पांच मंजिला अपार्टमेंट गिरा, 12 घंटे में 14 लोग निकाले गए…फोन से संपर्क में हैं मलबे में फंसे लोग

लाखनऊ, एजेंसी। नेपाल में मंगलवार दोपहर आए भूकंप के दौरान भारत में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से लेकर उत्तराखंड और नेपाल तक धरती कांप उठी। ठीक उसी समय लखनऊ में एक चार मंजिला इमारत ढह गई। इसमें 14 परिवारों के लोग दबे हैं। 14 लोगों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा चुका है। भूकंप के अलावा घटना के कई कारण बताए जा रहे हैं। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी हैं। पुलिस के मुताबिक भूतल पार्किंग में पानी का रिसाव हो रहा था। इसलिए ड्रिलिंग मशीन से खोदाई की जा रही थी। जानकारी के मुताबिक अंडरग्राउंड एक कमरे का भी निर्माण कराया जा रहा था। आशंका है कि इसी दौरान इमारत का फाउंडेशन ग्रिड डैमेज हुआ और पूरी इमारत ढह गई।

बता दें कि अलाया अपार्टमेंट मंगलवार शाम 6:46 बजे अचानक जमींदोज हो गया। देखते ही देखते 14 परिवार मलबे में दब गया। चीख-पुकार से इलाके में सन्नाटा पसर गया। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। हादसे की सूचना मिलते ही सभी अस्पतालों और ब्लड बैंक को अलर्ट कर दिया गया। घटना के 14 घंटे बाद भी राहत एव बचाव कार्य जारी रहा। मलबे को हटाकर उसमें दबे लोगों को न‍िकालने का प्रयास क‍िया जा रहा है। ड्र‍िल मशीन से एनडीआरएफ की टीम मलबे के टुकड़ों को तोड़ने में जुटी हुई है। अंदर दबे हुए लोग फोन से संपर्क में हैं, वहीं उन्‍हें आक्‍सीजन भी दी जा रही है।

14 लोग अब तक पहुंचाए जा चुके हैं अस्पताल
मलबे से निकालकर अब तक 14 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। दो लोगों का इलाज केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में जारी है। फिलहाल वे खतरे से बाहर हैं। लोहिया संस्थान में भी अतिरिक्त डाक्टरों को ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया था पर यहां देर रात तक कोई घायल नहीं पहुंचा। सिविल अस्पताल में करीब 40 बेड रिजर्व हैं।

चिकित्सक
घायलों के इलाज के लिए 15 डाक्टरों और करीब 25 पैरामेडिकल स्टाफ की टीम तैनात थी। उन्होंने कहा, जब हादसा हुआ तो मेरे अलावा ज्यादातर डाक्टर अस्पताल में ही थे। हमारे यहां भर्ती हुए सभी घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है। मुझे लगता है कि इनमें से चार लोगों को तो बुधवार को ही घर भेजा जा सकता है। डा. आनंद ओझा ने कहा, घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए चिकित्सीय स्टाफ की ड्यूटी रातभर के लिए बढ़ा दिया है।

आठ डाक्टरों की एक टीम घटनास्थल पर तैनात
घायलों की मदद के लिए केजीएमयू ने बनाई रेस्क्यू टीमेंहादसे की जानकारी मिलते ही केजीएमयू ने घायलों की मदद के लिए दो रेस्क्यू टीमें गठित की। एक टीम ट्रामा सेंटर में तो दूसरी घटनास्थल के लिए रवाना हुई। ट्रामा प्रभारी डा. संदीप तिवारी के नेतृत्व में आठ डाक्टरों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची। एनडीआरएफ की मदद से दो लोगों को निकालकर डा. संदीप ट्रामा पहुंचे और उन्हें भर्ती कराकर इलाज शुरू कराया। उन्होंने बताया कि दोनों घायलों को ज्यादा चोटें नहीं आई हैं। सीटी स्कैन समेत अन्य जांचें की जा रही हैं। दोनों सुरक्षित हैं।

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Author: undekhilive

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