पटना। बच्चों और विशेष रूप से नवजात शिशुओं के सुपर स्पेशियलिटी महावीर वात्सल्य अस्पताल में नवजात शिशु रोग पर फेलोशिप देने की तैयारी शुरू हो गयी है। अगले साल से दो छात्रों को नियोंटोलॉजी यानी नवजात शिशु रोग पर फेलोशिप शुरू होने की संभावना है। इसको लेकर नेशनल नियोंटोलॉजी फोरम के दो सदस्यीय दल ने सोमवार को महावीर वात्सल्य अस्पताल का दौरा किया।
फोरम के अध्यक्ष डॉ. ललन कुमार भारती और मेडिको लीगल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. वीके गोयल की टीम ने महावीर वात्सल्य अस्पताल में नवजात शिशु रोगों के उपचार के लिए उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। शिशु रोग विभाग के 100 बेड के विभिन्न आईसीयू, एनआईसीयू, प्री टर्म एनआईसीयू वार्ड आदि में लगे उपकरण, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की दक्षता, उनकी शैक्षणिक एवं पेशेवर योग्यता आदि के साथ सफाई समेत अन्य पहलुओं का बारीकी से पड़ताल की। साथ ही भर्ती शिशुओं के परिजनों से भी बात की। टीम ने महावीर वात्सल्य अस्पताल में शिशु और विशेष रूप से नवजात शिशु रोग के इलाज के लिए उपलब्ध सुविधाओं और अनुभवी डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ के कार्यकलाप की सराहना करते हुए रिकार्ड मेंटेन करने पर जोर दिया। महावीर वात्सल्य अस्पताल के शिशु रोग विभाग के हेड डॉ. बिनय रंजन ने बताया कि एनएनएफ से संबंधन मिलने पर नियोंटोलॉजी पर एक वर्षीय फेलोशिप पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। दो छात्रों का प्रतिवर्ष इसमें नामांकन हो सकेगा।
महावीर वात्सल्य अस्पताल के निदेशक और आईजीआईएमएस के पूर्व निदेशक डॉ: निहार रंजन विश्वास ने बताया कि फेलोशिप कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलने के बाद तीन वर्षीय डीएनबी कार्यक्रम के लिए पहल होगी। डॉ. ललन कुमार भारती और डॉ. वीके गोयल के अस्पताल पहुंचने पर निदेशक डॉ. निहार रंजन विश्वास के नेतृत्व में पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टरों ने दोनों का स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ. विवेक पांडेय, डॉ. चंदन, डॉ. रणदीप, डॉ.ओम पूर्वे, डॉ. रुपेश, डॉ. केशव पाठक और अस्पताल प्रबंधक प्रमेश कुमार आदि मौजूद थे।