पटना। राजधानी में गंगा किनारे छठ करने वाले लिए जिला प्रशासन ने गंगा नदी के किनारे 17 घाटों को खतरनाक घोषित कर दिया है। जिस तेजी से गंगा का जलस्तर घट रहा है, उससे खतरनाक घाटों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
गंगा घाटों की स्थिति का जायजा लेने के लिए डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने 21 अलग-अलग टीमें तैनात की थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर इन घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है। प्रशासन और नगर निगम की ओर से पहले प्रयास किया गया कि इन घाटों पर जाने के लिए संपर्क पथ बना दिया जाए। घाटों पर जलस्तर कम हो या खड़ा घाट नहीं हो लेकिन स्थिति नहीं बन पाई। इसीलिए इन घाटों को खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि खतरनाक घाटों की ओर नहीं जाएं। जिन घाटों को खतरनाक की श्रेणी में शामिल किया गया है, वहां मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है। माइक से घोषणा की जा रही है कि घाट की ओर नहीं जाएं। छठ आयोजन के पहले इससे संबंधित बोर्ड भी लगा दिए जाएंगे। वर्तमान समय में इन घाटों पर लाल कपड़ा लगा दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि कुछ और घाटों को खतरनाक की श्रेणी में शामिल किया जा सकता है। ऐसे घाटों पर संपर्क पथ एवं घाटों की स्थिति को देखा जा रहा है।
ये हैं खतरनाक घाट
नारियल घाट, जेपी सेतु पूर्वी घाट, बांस घाट, कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रूघाट, टीएन बनर्जी घाट, अंटा घाट, अदालत घाट, मिश्री घाट, टेढ़ी घाट, गड़ेरिया घाट, नुरूद्दीनगंज घाट, बरहरवा घाट, महाराज घाट, कंटाही घाट, गुरु गोविंद सिंह कॉलेज घाट और किला घाट।
कलेक्ट्रेट समेत तीन घाटों पर नहीं होगी छठ पूजा
कलेक्ट्रेट, बांसघाट और महेंद्रूघाट छठ के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं लेकिन इस बार भी इन घाटों पर छठ पूजा नहीं होगी। प्रशासन ने इन घाटों को खतरनाक की सूची में शामिल किया है। यहां पहुंचना खतरे से खाली नहीं है। संपर्क पथ बनाने में भी परेशानी है। घाट की दूरी भी अधिक है, इसीलिए प्रशासन ने इन तीन घाटों को सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक घोषित कर दिया है। पहले प्रशासन की ओर से प्रयास किया गया था कि इन घाटों पर भी व्यवस्था कर दी जाए लेकिन संपर्क पथ बनाने में काफी दिक्कत आने लगी। गंगा नदी का जलस्तर काफी देर से कम हुआ, इसीलिए दलदल अधिक है।