मध्यमा विशारद की डिग्री वाले शिक्षकों की जाएगी नौकरी

पटना। मध्यमा विशारद की डिग्री पर बहाल शिक्षकों की नौकरी जाएगी। हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग की इस डिग्री पर बहाल शिक्षकों को लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने निर्देश जारी किया है। इससे बिहार में बड़ी संख्या शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है। हालांकि उन्हें थोड़ी राहत देते हुए कहा गया है कि सेवामुक्त किए जाने वाले शिक्षकों से इनके द्वारा पूर्व में लिए गए वेतन की वसूली नहीं की जाएगी।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की शिक्षा विशारद डिग्री को वैध नहीं मानते हुए सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर दाखिल याचिका खारिज कर दी थी। आंबेडकर प्राथमिक विद्यालय फिसवां बाजार कुशीनगर में एक सहायक अध्यापक की नियुक्ति विभाग ने इसी आधार पर निरस्त कर दी थी। इसे चुनौती देते हुए शिक्षक ने यह याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वैध डिग्री के बिना कोई भी सहायक अध्यापक नियुक्त नहीं हो सकता। जरूरी है कि डिग्री को एनसीटीई से मान्यता मिली हो। कोर्ट ने कहा कि हिन्दी साहित्य सम्मेलन एक पंजीकृत सोसायटी है। यह न तो विश्वविद्यालय या डीम्ड विश्वविद्यालय है, न ही शिक्षा परिषद है। इसका कोई शिक्षण संस्थान नहीं है। इसकी डिग्रियों को 1967 के बाद मान्यता नहीं दी गई है, इसलिए इसके द्वारा जारी शिक्षा विशारद डिग्री मान्य नहीं है।

बिहार में भी बड़ी संख्या में विशारद की डिग्री पर शिक्षक बहाल हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इन शिक्षकों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। 15 दिनों में ऐसे शिक्षको की सूची जिला शिक्षा पदाधिकारियों से मांगी गई है।

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Author: undekhilive

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