पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के यहां इस बार भी छठ पूजा की उम्मीद कम है। पटना स्थिति राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड में इस साल छठ महापर्व नहीं होगा। लालू प्रसाद इस समय किडनी के इलाज के लिए सिंगापुर में हैं। फिलहाल वे डॉक्टरों की देखरेख में हैं। संभव हुआ तो उनकी किडनी का ट्रांसप्लांट भी हो सकता है। लिहाजा, उनके घर पर छठ पूजा होने की संभावना नहीं है। उधर, राबड़ी आवास के सूत्रों का दावा है कि अब तक छठ को लेकर किसी प्रकार का निर्देश नहीं आया है, ऐसे में कोई तैयारी नहीं की जा रही है।
वैसे तो कोर्ट से लालू प्रसाद को 25 अक्टूबर तक देश से बाहर रहने की अनुमति मिली है, लेकिन यदि उनका इलाज लंबा चला तो वे कोर्ट से समय बढ़ाने का अनुरोध भी कर सकते हैं। लालू प्रसाद सिंगापुर में अपनी बेटी रोहिणी के घर पर हैं। उनके इलाज के क्रम में बड़ी बेटी मीसा भारती भी अभी सिंगापुर में हैं।
जानकारी है कि कई तरह की जांच से लालू प्रसाद को गुजरना पड़ रहा है। उनकी कुछ जांच की रिपोर्ट आ चुकी है। लेकिन कई रिपोर्ट अभी बाकी है। दवा खिलाकर तीन दिन बाद जांच की गई। यह रिपोर्ट मंगलवार तक आएगी। जो दवा उन्हें दी जा रही है वह शूट कर गई तो ट्रांसप्लांट की जरूरत अभी नहीं पड़ेगी। डॉक्टर इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं कि आगे वे दवा पर रहेंगे या ट्रांसप्लांट करना होगा। रिपोर्ट आने के बाद ही तय होगा कि इलाज कैसे हो।
2005 में पहली बार राबड़ी आवास में छठ का आयोजन नहीं हुआ
बिहार में लालू -राबड़ी के घर पर आयोजित छठ को लेकर काफी चर्चा रहती है। काफी लंबे समय तक छठ के मौके पर राबड़ी आवास मीडिया का केंद्र रहा है। वैसे 2005 में पहली बार राबड़ी आवास में छठ का आयोजन नहीं हुआ था। इधर, पिछले दो वर्षों से लगातार किसी न किसी वजह से लालू परिवार में छठ पूजा नहीं हो रहा है, इस साल भी संशय है।
पहले राबड़ी देवी गंगाघाट पर छठ करती थीं
मुख्यमंत्री बनने से पहले राबड़ी देवी गंगाघाट पर छठ करती थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद सुरक्षा कारणों से मुख्यमंत्री आवास पर ही छठ का आयोजन किया जाने लगा। इस मौके पर लालू-राबड़ी का पूरा परिवार जमा होता था। सभी बेटियां पटना आती थी। बीते 5 वर्षों से राबड़ी आवास पर छठ पर्व नियमित रूप से नहीं मनाया जा रहा है। पिछले साल लालू यादव की तबीयत खराब होने की वजह से घर में छठ नहीं हुआ। इससे पहले लालू के जेल में रहने के कारण और उससे पहले विधानसभा चुनाव होने के कारण छठ नहीं मनाया गया।