पटना। बिहार के मुख्य सचिव का खाता ही सुरक्षित नहीं है। मुख्यसचिव आमिर सुबहानी के खाते में साइबर अपराधियों ने सेंध लगाते हुए 90 हजार रुपए उड़ा लिए। उनके ठगी का शिकार होने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
घटना रविवार की है। साइबर अपराधियों ने आमिर सुबहानी के खाते से 90 हजार उड़ा लिए। तुरंत इसकी सूचना ईओयू और संबंधित बैंक को दी गई। हालांकि तबतक साइबर अपराधियों ने रकम को कई जगह ट्रांसफर कर दिया था। जांच एजेंसी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 40 हजार रुपए को होल्ड (निकसी या किसी अन्य खाते में भेजने पर रोक) करावा दिया। हालांकि साइबर अपराधियों ने 50 हजार रुपए एक नामी शॉपिंग कंपनी के वॉलेट में ट्रांसफर कर दिये। उक्त कंपनी को भी इसकी सूचना देते हुए रकम को होल्ड करने को कहा गया है।
बिहार में साइबर फ्रॉड के मामले 20 गुना बढ़े
बिहार में साइबर फ्रॉड का बोलबाला है. आम से लेकर खास तक को निशाना बनाया जा रहा है. पहले की तुलना में साइबर क्राइम में 20 गुना की वृद्धि हुई है। वहीं राजधानी पटना में साइबर क्राइम में 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। यह तो सरकारी आंकड़े हैं। इसके इतर कितने लोग साइबर अपराधियों के शिकार हुए हैं इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
आंकड़ों के अनुसार 2019 में बिहार में साइबर अपराध के 560 मामले सामने आए थे। 2020 में यह आंकड़ा बढ़कर 7743 पहुंच गया। वर्ष 2021 में 12 हजार 258 लोग साइबर ठगों के शिकार बने। 2022 में यह आंकड़ा अभी ही 15 हजार के पार कर गया है। अगर राजधानी पटना की बात करें तो 2019 में 144, 2021 में 2462 और 2022 में मई तक 1632 लोगों को साइबर अपराधी चूना लगा चुके हैं।
पटना बना हॉटस्पॉट
साइबर अपराध के मामले में पटना हॉटस्पॉट बन गया है। पटना के अलावा नवादा, नालंदा, शेखपुरा, गया और जमुई जिले में भी साइबर अपराधी सबसे अधिक सक्रिय हैं।
साइबर अपराध से बचने के लिए यह करें
– किसी के कहने पर कोई भी एप डाउनलोड न करें
– ट्रूकॉलर पर किसी भी नाम से आए नंबर पर विश्वास न करें
– अपने बैंक का आईडी पासवर्ड किसी से शेयर न करें
– किसी को अपना बैंक डिटेल, ओटीपी आदि न दें