वाराणसी में मन्दिरों का महाकुम्भ 22 जुलाई से, देश-दुनिया के 385 चुनिन्दा मन्दिरों को न्योता

वाराणसी में मन्दिरों का महाकुम्भ 22 जुलाई से, देश-दुनिया के 385 चुनिन्दा मन्दिरों को न्योता
महावीर मन्दिर न्यास को 14 विशिष्ट मन्दिरों में स्थान, आचार्य किशोर कुणाल करेंगे शिरकत
देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में मन्दिरों का महाकुम्भ हो रहा है। शहर के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेन्टर में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय टेम्पल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो का उद्घाटन 22 जुलाई को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत करेंगे। इस कार्यक्रम में भारत के 350 और दुनिया के दूसरे देशों के 35 मन्दिरों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। आमंत्रण के साथ 14 विशिष्ट मन्दिरों की सूची जारी की गई है जिसमें पटना के महावीर मन्दिर न्यास को भी शामिल किया गया है। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल मन्दिरों के बेहतर प्रबन्धन, वित्तीय अनुशासन जैसे विषयों पर अपने तरह के पहले सम्मेलन में भाग लेंगे। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि वे अन्तर्राष्ट्रीय मन्दिर समागम में भाग लेने के लिए शुक्रवार 21 जुलाई को वाराणसी के लिए रवाना होंगे। उन्होंने बताया कि सालाना 11 हजार से शुरुआत कर 10 लाख रुपये प्रतिदिन की आय वाला पटना का महावीर मन्दिर वित्तीय अनुशासन का श्रेष्ठ उदाहरण है। उन्होंने बताया कि समागम में वे महावीर मन्दिर न्यास के वित्तीय अनुशासन और वित्तीय प्रबंधन के अपने अनुभवों को साझा करेंगे। किस प्रकार एक मन्दिर की आय से महावीर कैंसर संस्थान समेत पांच बड़े अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। भर्ती मरीजों को तीनों पहर का भोजन-नाश्ता निःशुल्क दिया जाता है। गरीब मरीजों को इलाज में विशेष छूट दी जाती है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महावीर मन्दिर दूनिया का पहला ऐसा मन्दिर है जो अपनी आय और जनसहयोग से संसार का विशालतम मन्दिर और शिवलिंग का निर्माण करा रहा है।उन्होंने बताया कि दूसरे मन्दिरों की तरह महावीर मन्दिर में किसी भी विग्रह के समक्ष धनराशि नहीं चढ़ाई जाती। मन्दिर में दान या किसी उद्देश्य के लिए राशि की मांग नहीं की जाती। आम भक्तों के दान की छोटी-छोटी रकम से मन्दिर न्यास बड़े कार्य करता है। अयोध्या में निःशुल्क राम रसोई और सीतामढ़ी में सीता रसोई जैसे लोक कल्याण के कार्य किए जा रहे हैं। अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण के लिए भी 8 करोड़ रुपये की सहयोग राशि अब तक दी जा चुकी है। शेष 2 करोड़ रुपये और दिए जाएंगे। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि सनातन धर्म की आस्था के केन्द्र रामलला जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये की सहयोग राशि देने से महावीर मन्दिर का नाम और गरिमा पूरी दुनिया में बढ़ी है।
ये हैं अंतर्राष्ट्रीय मन्दिर समागम के विषय –
मन्दिर प्रबंधन तंत्र को सुदृढ़ करना
मन्दिरों में वित्तीय अनुशासन और दान की राशि का सदुपयोग
मन्दिर प्रबंध समिति सदस्यों को सूचना तकनीक की अत्याधुनिक पद्धतियों, तकनीकों आदि से अवगत कराना। अन्यान्य विषय।
इन विशिष्ट मन्दिरों के प्रबन्धन को न्योता –
श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, वाराणसी
श्री महाकाल ज्योतिर्लिंग, उज्जैन
शिर्ड़ी साईं बाबा मन्दिर, शिर्ड़ी
माता वैष्णो देवी मन्दिर, कटरा, जम्मू
श्री विट्ठल रुक्मिणी मन्दिर, पंढारपुर
श्री जगन्नाथ मन्दिर, पुरी
श्री तिरुमाला तिरुपति बालाजी, तिरुमाला
माँ कंकाल काली मन्दिर, अकोडी, उत्तर प्रदेश
गिरनार दत्तात्रेय मन्दिर, जूनागढ़
काली माता मन्दिर, कोलकाता
मां कामाख्या शक्तिपीठ, गुवाहाटी
स्वामीनारायण अक्षरधाम मन्दिर, अहमदाबाद
इस्काॅन मन्दिर, मायापुर/ मुंबई/बंगलोर
महावीर मन्दिर, पटना।
इन 14 मन्दिरों समेत भारत के 350 और दुनिया के दूसरे देशों के 35 मन्दिरों के प्रतिनिधियों को 24 जुलाई तक चलनेवाले अंतर्राष्ट्रीय मन्दिर समागम में आमंत्रित किया गया है। भारत के बाहर के देशों में ब्रिटेन, अमेरिका, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, श्रीलंका, आस्ट्रेलिया, म्यांमार, संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल जैसे देशों के मन्दिरों के प्रतिनिधि इस समागम में भाग लेंगे।

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Author: undekhilive

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